जिसे समझा सोना वो निकला हीरे से भी कीमती, चमक गई किस्मत
नई दिल्ली, नवंबर 24। कुछ लोग दुनिया में सोने की तलाश में रहते हैं। वे कुछ खास उपकरणों से सोना निकालने के लिए दूर दराज इलाकों में सफर करते हैं। कुछ लोगों को इसका जुनून होता है। एक आदमी को भी ऐसा ही जुनून था। उसे कुछ साल पहले एक भारी चट्टान मिली। ये बात 2015 की है। ऑस्ट्रेलिया के निवासी डेविड होल मेलबर्न के पास मैरीबोरो रीजनल पार्क में मेटल डिटेक्टर के उपयोग से सोना तलाश कर रहे थे। तभी उन्हें एक चट्टान दिखी जो असामान्य रूप से भारी, लाल रंग की थी और पीली मिट्टी में पड़ी थी।
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होल को लगा सोना
होल को लगा कि उन्हें सोना मिल गया। मैरीबोरो, जहां होल को ये चट्टान मिली वो गोल्डफील्ड क्षेत्र में स्थित है। डेविड होल ने चट्टान को तोड़ने की कोशिश की। उन्होंने एक हथौड़े, एक ड्रिल का इस्तेमाल किया और यहां तक कि चट्टान को तेजाब में डुबो दिया। लेकिन कुछ नहीं हुआ। चट्टान अपनी शेप में बरकरार रही। होल ने वैसे ही चट्टान को अपने पास रखा। सालों बाद उन्हें पता चला कि वह सोने से कहीं ज्यादा कीमती है।
क्या थी वो चट्टान
अंत में होल उसे पहचान कराने के लिए मेलबर्न संग्रहालय ले गए। पता चला कि यह चट्टान दरअसल उल्कापिंड है। द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार मेलबर्न संग्रहालय के भूविज्ञानी डर्मोट हेनरी के मुताबिक यह उल्कापिंड का तराशा हुआ, मंद रूप था। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि चट्टान 4.6 अरब वर्ष पुरानी है। हालांकि इस पूरी अवधि के दौरान यह पृथ्वी पर नहीं थी।
1000 साल पहले पृथ्वी पर आई
जब सौर मंडल शैशवावस्था में था, तब यह गैस और धूल का एक घूमता हुआ द्रव्यमान था। यह विशेष उल्कापिंड अंतरिक्ष में तैरती लाखों अंतरिक्ष चट्टानों में से एक हो सकती है। शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि यह 100 से 1000 साल पहले गिर गया होगा।
हीरे से ज्यादा कीमती
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उल्कापिंड सोने से कहीं ज्यादा कीमती होती है। अगर होल को मिली उल्कापिंड को बेचा जाए तो उन्हें करोड़ों रु मिल सकते हैं।
कितना है वजन
होल की मिले उल्कापिंज का वजन 17 किलो से अधिक है। उल्कापिंड स्पेस एक्सप्लोरेशन का सबसे सस्ती फॉर्म प्रोवाइड करते हैं। वे वैज्ञानिकों को पुराने समय में वापस ले जाते हैं, सौर मंडल (पृथ्वी सहित) की उम्र, गठन और रसायन विज्ञान के बारे में सुराग देते हैं। कुछ ग्रह के गहरे आंतरिक भाग की एक झलक देते हैं। कुछ उल्कापिंडों में, सौर मंडल से भी पुराना 'स्टारडस्ट' होता है, जो दिखाता है कि पीरियोडिक टेबल के तत्वों को बनाने के लिए तारे कैसे बनते और विकसित होते हैं।