खतरे की घंटी : जानिए वॉरेन बफे क्यों बेच रहे विमान कंपनियों के शेयर
नई दिल्ली। दुनिया में शेयर बाजार के सबसे स्मार्ट इन्वेस्टर वॉरेन बफे ने एयरलाइंस कंपनियों के शेयर को बेचना शुरू कर दिया है। माना जाता है कि बफेट सबसे पहले जान लेते हैं कि कहां पैसा बनेगा और कहां डूब सकता है। दुनिया के कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद अगर वॉरेन बफेट एयरलाइंस कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं, तो भारत में भी निवेशकों को सतर्क हो जाने की जरूरत है। वॉरेन बफेट ने जो शेयर बेचे हैं उनकी भारतीय रुपये में वैल्यू करीब 3000 करोड़ रुपये होती है।
दुनियाभर में लॉकडाउन का पड़ रहा खराब असर
गौरतलब है कि कोराना वायरस का सबसे खतरनाक हमला एयरलाइंस इंडस्ट्रीज पर ही हुआ है। दुनिया भर की कई एयरलाइंस कंपनियों ने पूरी दुनिया में चल रहे लॉकडाउन की वजह से अपना संचालन रोक दिया है। भारत में भी यही हाल है। वहीं रविवार को ही भारत में कोरान वायरस के चलते एयर डेक्कन ने अपना संचालन बंद करने की घोषणा की है।
जानिए डेल्टा एयरलाइंस के कितने शेयर बेचे
दुनिया के सबसे अमीर निवेशक वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने डेल्टा एयरलाइंस के 31.4 करोड़ डॉलर के शेयर बेच दिए हैं। बर्कशायर हैथवे ने साउथ वेस्ट एयरलाइंस में भी अपनी करीब 4 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी है। वॉरेन बफे की कंपनी ने यह जानकारी यह जानकारी यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन को रेग्युलेटरी फाइलिंग में दी है। भारतीय रुपये में यह राशि करीब 2400 करोड़ रुपये की होती है। बर्कशायर हैथवे ने 11 और 12 मार्च को भी डेल्टा एयरलाइंस के 1.3 करोड़ शेयर (करीब 18 फीसदी हिस्सेदारी) बेचे थे। ये बिक्री 22.96 डॉलर से लेकर 26.04 डॉलर प्रति शेयर के भाव के बीच हुई थी।
डेल्टा ने आय में कमी का अनुमान जताया था
डेल्टा एयरलाइंस ने वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में अपनी आय में 90 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था। डेल्टा एयरलाइंस के इस ऐलान के बाद ही बर्कशायर हैथवे ने कंपनी के शेयरों की बिक्री की है। जानकारों के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि हवाई ट्रेफिक अब आसानी से नहीं बढ़ेगा, जिसके चलते एयरलाइंस कंपनियां काफी समय तक दबाव में रहेंगी।
वॉरेन बफे ने घाटे में बेचे शेयर
मिली जानकारी के अनुसार 27 फरवरी को वॉरेन बफे की कंपनी ने 46.40 डॉलर प्रति शेयर के भाव पर डेल्टा एयरलाइंस के करीब 1 करोड़ शेयर खरीदें थे। इसके परिणाम स्वरूप डेल्टा एयरलाइंस में बर्कशायर हैथवे के शेयर करीब 7.19 करोड़ हो एक थे। इससे बर्कशायर हैथवे की डेल्टा में होल्डिंग करीब 11.2 फीसदी हो गई थी।
साउथ वेस्ट एयरलाइंस के शेयर भी बेचे
वॉरेन बफे की कंपनी बर्कशायर हैथवे ने इसके अलावा साउथ वेस्ट एयरलाइंस के भी लगभग 23 लाख शेयर बेचे हैं। यह बिक्री करीब 7.4 करोड़ डॉलर की हुई है। भारतीय रुपये में यह राशि करीब 560 करोड़ रुपये की होती है।
भारत में भी एयरलाइंस कंपनियों की हालत खराब
भारत में भी 24 मार्च को घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन के बाद 650 से ज्यादा कमर्शियल और प्राइवेट जेट जमीन पर खडे़ हो गए हैं। रेटिंग एजेंसी इकारा के मुताबिक कोरोना वायरस ने एविएशन इंडस्ट्रीज का भविष्य अंधकारमय कर दिया है। इकरा ने इंडियन एविएशन इंडस्ट्रीज के आउटलुक को नेगेटिव कर दिया है। इसके साथ ही हालात भी खराब नजर आने लगे हैं। कल ही देश की एक कंपनी ने अपने परिचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा की है।
भारत में बंद होने वाली पहली कंपनी बनी एयर डेक्कन
कोरोना वायरस से पैदा हुईं परिस्थितियों के चलते विमानन कंपनी एयर डेक्कन को अपना परिचालन अनिश्चितकाल के लिए बंद करना पड़ा है। एयर डेक्कन ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि कर्मचारियों को इस दौरान अवैतनिक छुट्टी पर भेज दिया गया है। कर्मचारियों को लिखे ई मेल में एयर डेक्कन के सीईओ अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि वर्तमान वैश्विक और घरेलू हालात बेहद विपरीत हैं। भारतीय विमानन नियामक ने लॉकडाउन के चलते 14 अप्रैल तक परिचालन बंद रखने का निर्देश दिया हुआ है। ऐसे में कंपनी के पास अगले आदेश तक के लिए परिचालन बंद कर देने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा है कि मैं बेहद भारी मन से मैं यह भी कहना चाहता हूं कि कंपनी के सभी स्थाई, अस्थाई और अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों को परिचालन बंद रहने की अवधि में अवैतनिक अवकाश पर भेजा जा रहा है।