FD पर चाहिए ज्यादा रिटर्न, तो फॉलो करें ये टिप्स, होगी मोटी कमाई
नई दिल्ली, जून 28। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा रेपो दर में वृद्धि के बाद से, बैंकिंग क्षेत्र में एफडी पर ब्याज दरों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। कुछ हफ्तों में ही एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा, कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी और कई अन्य स्मॉल फाइनेंस बैंकों सहित कई एनबीएफसी ने अपनी एफडी दरों को बढ़ाया है। उम्मीद है कि एफडी ब्याज दरों में और भी बढ़ोतरी हो सकती है। सावधि जमा ब्याज दरें फिर से बढ़ने के साथ, एफडी निवेशक हाल ही में आरबीआई रेपो दर में वृद्धि से अपने रिटर्न में सुधार के लिए क्या कर सकते हैं? इसी के कुछ टिप्स हम आपको बताने जा रहे हैं।
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शॉर्ट टर्म डिपॉजिट रेट्स
यह देखा गया है कि जब ब्याज दर साइकिल बॉटम आउट (नीचे से ऊपर आती है) के बाद वापस उलटती है, तो शॉर्ट और मीडियम टर्म एफडी ब्याज दरें लंबी अवधि की एफडी ब्याज दरों की तुलना में रेट में बदलाव पर अधिक तेज़ी से रेस्पोंस करती हैं। आप छोटी या मध्यम अवधि की मैच्योरिटी वाली एफडी में निवेश करके हाई एफडी रेट पर स्विच कर सकते हैं। जब भी ब्याज दरें बढ़ना शुरू होती हैं तो शॉर्ट से मध्यम अवधि की ब्याज दरें आम तौर पर पहले बढ़ जाती हैं। शॉर्ट टर्म या मीडियम टर्म एफडी में निवेश करने से आपको अपने एफडी रिटर्न को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है।
लंबी अवधि की एफडी में न करें निवेश
जब आप अपनी वर्तमान एफडी को रिन्यू कराते हैं या किसी नई एफडी में निवेश करते हैं, तो छोटी अवधि की एफडी चुनना बेहतर होगा। आप अपने पैसे को लंबे समय तक लगाने से बच सकते हैं और मौजूदा बाजार में एक साल या उससे कम अवधि की को चुनकर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का लाभ उठा सकते हैं।
एफडी लैडर अप्रोच का उपयोग करके कम रिटर्न से बचें
बाजार की मौजूदा स्थिति के कारण ब्याज दर में वृद्धि की संभावना के बावजूद, एफडी लैडरिंग निवेश पर अच्छे रिटर्न की गारंटी दिलाने का एक शानदार तरीका है। विभिन्न मैच्योरिटी वाली एफडी के बीच अपना सारा पैसा एकमुश्त लगा कर आप अपनी एफडी लैडरिंग योजना बना सकते हैं। एफडी लैडरिंग बनाने के लिए एक बड़ी एफडी को छोटी, भिन्न-भिन्न अवधि की एफडी में विभाजित किया जाता है। अगर आपके पास पहले से एफडी है, तो मान लीजिए कि 5 लाख रु एफडी है तो आप इसे 5 बराबर भागों में विभाजित कर सकते हैं। 1-1 लाख रु की एफडी 5 अलग-अलग सालों के लिए बुक की जा सकती है। फिर जैसे आपकी एफडी 1-2 साल के बाद मैच्योर हो जाएतो आप इसे लंबी अवधि के लिए रिन्यू करा सकते हैं।
फ्लोटिंग रेट ऑप्शन
फ्लोटिंग एफडी, आपकी एफडी पर रिटर्न बढ़ाने का एक शानदार तरीका है। इस एफडी योजना के तहत निवेशक रेपो दर में वृद्धि की चिंता किए बिना एफडी में निवेश कर सकते हैं क्योंकि फ्लोटिंग एफडी दरें रेपो दर से जुड़ी होती हैं, और ब्याज दरें रेपो दर में बदलाव से निर्धारित होती हैं। एक और बात कि आपको FD में निवेश करने से पहले दरों में वृद्धि का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि यह अनिश्चित है कि दर कब बढ़ेगी। बढ़ोतरी एक से अधिक बार हो सकती है जैसा कि पिछले 2 महीनों में आरबीआई द्वारा लगातार दो रेपो दर वृद्धि के बाद हुआ है। जब तक आप निवेश नहीं करेंगे तब तक आपको अपने फंड पर रिटर्न नहीं मिलेगा। अपने एफडी निवेश का अधिकतम लाभ उठाने के लिए, इन रणनीतियों का उपयोग करना होगा।