बीएसएनएल : नौकरी छोड़ने वालों की लगी लाइन, जानें क्या हो रहा
नई दिल्ली। आर्थिक दिक्कतों से जूझ रही भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के ज्यादातर कर्मचारी नौकरी छोड़ रहे हैं। कंपनी में करीब 1.5 लाख कर्मचारी हैं, जिनमें से करीब 22000 कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ने के लिए आवेदन कर दिया है। दरअसल कंपनी ने आर्थित दिक्कतों के चलते कर्मचारियों को नौकरी छोड़ने का विकल्प यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का ऑफर दिया है। ऑफर शुरू होने के दो दिनों के अंदर ही 22000 कर्मचारियों ने इसके लिए आवेदन कर दिया है। बीएसएनएल के अनुसार कंपनी के करीब 1 लाख कर्मचारी इस वीआरएस स्कीम के दायरे में आते हैं। ऐसे में अगर ये कर्मचारी आवेदन करेंगे तो उनको इस स्कीम का फायदा मिल सकता है। बीएसएनएल के अलावा यह वीआरएस योजना महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) के कर्मचारियों पर भी लागू की गई है।
3 दिसंबर 2019 तक आवेदन का समय
बीएसएनएल की वीआरएस स्कीम में 3 दिसंबर 2019 तक आवेदन किया जा सकता है। कंपनी ने इसे 5 नवंबर 2019 से लागू किया है। बीएसएनएल के एक अधिकारी के अनुसार वीआरएस योजना के लिए 22,000 से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं। वहीं कंपनी उम्मीद कर रही हैं कि करीब 77,000 कर्मचारी इस वीआरएस योजना का फायदा ले सकते हैं। बीएसएनएल को उम्मीद है कि अगर 70,000 से 80,000 कर्मचारी इस योजना का लाभ लेते हैं तो इससे कंपनी को सालाना वेतन के मद में करीब 7,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
ये है वीआरएस स्कीम लेने के मानक
बीएसएनएल में लागू की गई वीआरएस योजना -2019 को कौन सा कर्मचारी ले सकता है, इसके लिए मानक तैयार किए गए हैं। जो कर्मचारी 50 साल की उम्र पूरी कर चुके या उससे अधिक उम्र के हैं वे इस स्कीम के तहत आवेदन कर सकते हैं। इसमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं, जो बीएसएनएल से दूसरे कंपनियों में प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे हैं। वीआरएस के तहत कर्मचारियों को अनुग्रह राशि उसके पूरे किए गए प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 35 दिन और बची हुई सेवा अवधि के लिए 25 दिन के वेतन के बराबर होगी।
एमटीएनएल में लागू की गई है वीआरएस
महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) में भी वीआरएस लागू किया गया है। कर्मचारियों इस योजना का फायदा लेने के लिए 3 दिसंबर 2019 तक आवेदन कर सकते हैं। एमटीएनएल कर्मचारियों को जारी नोटिस के अनुासर सभी नियमित और स्थायी कर्मचारी, जो 31 जनवरी 2020 तक 50 साल पूरे कर लेंगे या उससे अधिक उम्र के होंगे, वे योजना के लिए पात्र होंगे।
रिवाइवल पैकेज जारी किया गया
मोदी सरकार ने पिछले महीने ही बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पुनरुद्धार पैकेज की घोषणा की थी। इसमें घाटे में चल रही दोनों सरकारी दूरसंचार कंपनियों का विलय, उनकी संपत्तियों का उचित इस्तेमाल और कर्मचारियों को वीआरएस देना इसमें शामिल है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य विलय बाद बनने वाली कंपनी को 2 साल में लाभ में लाना है।