वोडा आइडिया : एजीआर चुका सकेंगे या नहीं, हो रहा सोच विचार
नयी दिल्ली। वोडाफोन आइडिया ने कहा है वह सरकार को अगले कुछ दिनों में बकाया एजीआर का भुगतान कर सकती है। हालांकि कंपनी कितना एजीआर चुका पायेगी, इसका आकलन किया जा रहा है। वोडाफोन आइडिया ने एक बयान में कहा है कि 24 अक्टूबर 2019 को दिए गए माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक कंपनी वर्तमान में आकलन कर रही है कि वह दूरसंचार विभाग को बकाया एजीआर (समायोजित सकल राजस्व) में कितना चुका सकती है। वोडाफोन ने अगले कुछ दिनों में मूल्यांकन की गई राशि का भुगतान करने का प्रस्ताव रखा है। वोडाफोन आइडिया को 53000 करोड़ रुपये के एजीआर का भुगतान करना है। बता दें कि कंपनी को तब झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने 23 जनवरी तक एजीआर के बकाया का भुगतान न करने के लिए इसे फटकार लगाई। वोडाफोन ने आगाह किया कि उसका भविष्य संशोधन याचिका पर अदालत के फैसले पर निर्भर है। अदालत ने एजीआर चुकाने के लिए 17 मार्च की डेडलाइन रखी है।
क्या रहा अदालत का रुख
एयरटेल और वोडाफोन ने रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद संशोधन याचिका दाखिल की थी, जिस पर बीते शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन कंपनियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया। अदालत ने यह भी पूछा कि 23 जनवरी 2020 की समयसीमा के बावजूद टेलीकॉम कंपनियों ने बकाया एजीआर क्यों नहीं चुकाया।
सरकार ने भी हाथ खड़े किये
सरकार ने अपने 23 जनवरी के उस आदेश को भी वापस ले लिया है जिसमें उसने टेलीकॉम कंपनियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया था। सरकार ने बकाया राशि का भुगतान करने के लिए अदालत द्वारा निर्देशित समय सीमा को पूरा करने में विफल रहने पर टेलीकॉम कंपिनयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न करने का फैसला किया था। दूरसंचार विभाग ने कहा है कि उसे सर्वोच्च न्यायालय के 24 अक्टूबर के फैसले के अनुपालन में तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश है।
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