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US : चीन की कंपनियों के लिए शेयर बाजार बंद करने की तैयारी

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नयी दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ रहा है। कारोबार को लेकर दोनों में खींचातानी जारी है। इसी बीच अमेरिका ने अपने तरकश में से एक और तीर चीन की तरफ छोड़ दिया है। अमेरिकी सीनेट ने एक बिल को मंजूरी दे दी जिससे चीनी कंपनियों को अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने से रोका जा सकता है। बता दें कि इस बिल को अमेरिका की दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों, यानी डेमोक्रेटिक और रिपब्लिक, का समर्थन मिला है। लुसियाना के रिपब्लिकन सीनेटर जॉन केनेडी और मैरीलैंड के डेमोक्रेट सीनेटर क्रिस वान हौलेन द्वारा पेश किया गया ये बिल सीनेट में आराम से पारित हो गया। कुछ जानकारों ने उम्मीद जताई है कि इस बिल के पास होने के बाद चीनी कंपिनयां लिस्टिंग के मामले में अमेरिका को पूरी तरह छोड़ सकती हैं। गौरतलब है कि इन दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पिछले कई महीनों से कारोबार को लेकर तनाव चल रहा है।

क्या कहता है नया बिल

क्या कहता है नया बिल

बीते बुधवार को पास किए गए बिल के मुताबिक कंपनियों को यह साबित करना होगा कि वे किसी विदेशी सरकार के नियंत्रण में नहीं हैं या ये निर्धारित करने के लिए किसी अमेरिकी लेखा एजेंसी के पास ऑडिट के लिए सबमिट करना होगा। पब्लिक कंपनी अकाउंटिंग ओवरसाइट बोर्ड को उन कंपनियों के ऑडिट की अनुमति देने से चीन का इनकार, जिनके शेयरों अमेरिकी एक्सचेंजों पर लिस्टेड हैं, लंबे समय से दोनों पक्षों के बीच विवाद का एक हिस्सा रहा है। ल्युकिन कॉफी, जो चीन के सबसे बेहतर स्टार्टअप में से है, का अकाउंटिंग फ्रॉड मामला सामने के बाद ये विवाद फिर से गहरा गया है।

क्या होगी चीनी कंपनियों की रणनीति

क्या होगी चीनी कंपनियों की रणनीति

अमेरिका में चीनी कंपनियों के लिए माहौल निश्चित रूप से अब और अधिक शत्रुतापूर्ण हो गया है। मगर जानकार मानते हैं कि बेहतर लिक्विडिटी और बड़े निवेशक आधार के लिहाज से चीनी कंपनियों के इससे दूर जाने की संभावना नहीं है। चीनी कंपनियां टॉप आईपीओ गंतव्यों में से एक अमेरिका को नहीं जाने दे सकतीं, जिसे एक उच्च लिक्विडिटी वाला मार्केट माना जाता है। साथ ही अमेरिका में कंपनी के लिए आकर्षण बढ़ाने में मदद मिलती है। हालांकि यूएस-चीन संबंधों के बिगड़ने से कंपनियां यूरोप या एशिया में विकल्पों की तलाश कर सकती हैं।

हॉन्ग-कॉन्ग जैसे एक्सचेंजों के लिए मौका

हॉन्ग-कॉन्ग जैसे एक्सचेंजों के लिए मौका

जानकार मानते हैं कि अमेरिका के इस कदम से हॉन्ग-कॉन्ग जैसे राइवल स्टॉक एक्सचेंजों के लिए गोल्डन चांस हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय पूंजी चाहने वाली चीनी कंपनियों के लिए खुद को विकल्प के रूप में स्थान देने की तलाश में हैं। कई अमेरिकी-सूचीबद्ध चीनी तकनीकी कंपनियों, जैसे कि जेडी.कॉम इंक और नेटईज़ इंक, पहले से ही फाइनेंशियल हब में दूसरी लिस्टिंग के लिए तैयार हैं। अब अमेरिका के अधिक शत्रुतापूर्ण होने के कारण इस रुझान में तेजी आ सकती है। इस सप्ताह हॉन्ग-कॉन्ग एक्सचेंज और क्लियरिंग लिमिटेड के शेयरों में 7.4 प्रतिशत की तेजी आई है। उन्हें इस खबर से मदद मिली है कि ये सूचकांक आईपीओ प्रोसेस में तेजी लाने की प्लानिंग कर रहा है।

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English summary

US Preparing to close stock market for Chinese companies

As the bill passe, Chinese companies can leave the US altogether in terms of listing. Significantly, the business of these two big economies has been under stress over the last several months.
Story first published: Saturday, May 23, 2020, 14:57 [IST]
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