यूपीआई से 1 अरब ट्रांजेक्शन हुए, विदेशों में भी मिलेगा इसका लाभ
भारत सरकार का डिजिटल ट्रांजेक्शन का सबसे बड़ा माध्यम यूपीआई द्वारा इस साल अक्टूबर माह में 1 अरब लेनदेन हुए हैं। आपको बता दें कि यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को भारत में आज से तीन साल पहले 11 अप्रैल 2016 को लॉन्च किया गया था। तब से यह लगातार काम कर रहा है।
आपको बता दें कि यूपीआई के जरिए जल्द ही आप विदेश में भी पेमेंट कर सकेंगे। इस पर नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने तो काम भी करना शुरु कर दिया है। जल्द ही इसकी शुरुआत सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में होगी। यहाँ पर रुपे कार्ड की पहले ही शुरुआत हो चुकी है। आरबीआई के डिजिटल पेमेंट पर नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में बनाई गई समिति ने सलाह दी थी कि एनपीसीआई को भारत के बाहर रुपे कार्ड जैसे पेमेंट सिस्टम का विस्तार करना चाहिए। तो वहीं दूसरी ओर फेसबुक, Google जैसी कंपनियां UPI पेमेंट सिस्टम में आ गई है।
यूनाइटेड पेमेंट इंटरफेस (UPI) एक प्रकार का फंड ट्रांसफर की सुविधा है। जिस पर स्मार्ट फोन के जरिए पेमेंट किया जा सकता है। यह इंटरनेट फंड ट्रान्सफर के मैकेनिज्म पर आधारित है।
दिलीप अस्बे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एनपीसीआई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यूपीआई को न केवल भुगतानों में बल्कि अन्य प्लेटफार्मों के बीच भी सबसे तेज़ स्वीकृति मिली है। मैंने संख्याओं की तुलना नहीं की है, लेकिन सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों द्वारा 100 मिलियन उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने के लिए दिए गए समय को देखते हुए मुझे यकीन है कि हमें इसके बीच होना चाहिए।
यूपीआई, जिसमें अभी 141 से अधिक बैंक हैं, डेबिट, क्रेडिट और ई-वॉलेट के विकल्प के रूप में उभरा है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में यूपीआई ने एक महीने पहले 918.35 मिलियन लेनदेन की तुलना में 1.61 लाख करोड़ रुपये के 955.02 मिलियन लेनदेन दर्ज किए। साल-दर-साल आधार पर, UPI लेनदेन में 2.3 गुना या 135 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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