अच्छी खबर: इन दो बैंकों ने भी घटाईं ब्याज दरें
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एचडीएफसी के बाद अब सरकारी क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और एचडीएफसी के बाद अब सरकारी क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती कर दी है। इसी तरह दिसंबर में 6 बैंकों ने ग्राहकों को तोहफा दिया है। क्योंकि एमसीएलआर में कटौती से ग्राहकों को सस्ते में लोन मिलेगा। जानकारी दें कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी मंगलवार को अलग-अलग अवधियों के लिए ब्याज दरों में कटौती कर दी। इससे होम और ऑटो समेत कई लोन सस्ते हो जाएंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा ने एमसीएलआर में 0.20% तक की कटौती का ऐलान किया। नई दरें कल यानी 12 दिसंबर से लागू होंगी। महंगे होने के बाद ये हैं वोडाफोन-आइडिया के टॉप 10 प्लान ये भी पढ़ें
बता दें कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मंगलवार को एक साल की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर ) को 0.05 प्रतिशत कम करके 8.20 प्रतिशत कर दिया। यूनियन बैंक ने अपनी विभिन्न अवधि के कर्ज पर कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 से 0.10 प्रतिशत तक कटौती की है। बैंक ने कहा कि एक साल की अवधि के कर्ज पर एमसीएलआर को 8.25 प्रतिशत से घटाकर 8.20 प्रतिशत किया गया है।
यूनियन बैंक की नई दरें आज से प्रभावी होंगी
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एक दिन के कर्ज पर एमसीएलआर को 0.10 प्रतिशत कम करके 7.75 प्रतिशत किया गया है। जबकि एक महीने से छह महीने के अवधि के कर्ज के लिए एमसीएलआर को 7.80 से 8.05 प्रतिशत के बीच रखा है। बैंक ने कहा की नई दरें आज यानि 11 दिसंबर से प्रभावी होंगी।
यूकों बैंक की नयी दरें मंगलवार से ही प्रभावी
उधर, सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक ने अपनी विभिन्न अवधि के कर्ज पर कोष की सीमांत लागत आधारित दर (एमसीएलआर) में 0.10 फीसदी कटौती की है। यूकों बैंक की नयी दरें मंगलवार से ही प्रभावी हो गयी हैं। यूको बैंक की एमसीएलआर दर अब 0.10 फीसदी घटकर 8.30 फीसदी रह गयी। इससे पहले यह 8.40 फीसदी पर थी। यूको बैंक की ओर से जारी विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी गयी है। बैंक की विभिन्न अवधि के कर्ज यानी एक दिन, एक महीना, तीन महीने और छह महीने की अवधि के कर्ज पर दरों में 0.10 फीसदी की कटौती कर दी गयी है। बैंक ने कहा है कि इसके साथ ही उसके एमसीएलआर से जुड़े सभी अवधि के कर्ज की ब्याज दर इसी अनुपात में सस्ते हो जायेंगे।
क्या होता है एमसीएलआर?
अप्रैल 2016 से लोन पर ब्याज की जगह बैंकों में एमसीएलआर का इस्तेमाल करना शुरू किया गया था। जब आप किसी बैंक से कर्ज लेते हैं तो बैंक द्वारा लिए जाने वाले ब्याज की न्यूनतम दर को आधार दर कहा जाता है। आधार दर से कम दर पर बैंक किसी को लोन नहीं दे सकता। इसी आधार दर की जगह पर बैंक एमसीएलआर का इस्तेमाल करने लगे। इसकी गणना लोन की राशि की सीमांत लागत, आवधिक प्रीमियम, संचालन खर्च और नकदी भंडार अनुपात को बनाए रखने की लागत के आधार पर की जाती है। बाद में इस गणना के आधार पर लोन दिया जाता है। यह आधार दर से सस्ता होता है। इस वजह से होम लोन जैसे लोन्स भी इसके लागू होने के बाद से काफी सस्ते हुए।