कंपनियों की मुसीबत : दिवाली पर कोरोना के साथ इन चुनौतियों से भी होगा निपटना
नयी दिल्ली। इस साल अप्रैल-जून की तिमाही में भारतीय कंपनियों और कारोबारियों के सामने सेल्स और इनकम में गिरावट सबसे बड़ी चुनौतियां थीं। मार्च के अंत में शुरू हुए लॉकडाउन से कंपनियों को लंबे समय तक कारोबार बंद होने के चलते संघर्ष करना पड़ा और ऐसे उपाय किए जो उन्होंने पहले नहीं थे। इनमें अपना मुख्य कारोबार छोड़ कर दूसरे व्यवसाय शुरू करना शामिल है। हालांकि त्यौहारी सीजन नजदीक आते ही स्थिति कुछ हद तक बदल गई है। आमतौर पर त्योहारी सीज़न में कई सेगमेंट्स की सेल्स कई गुना बढ़ जाती है। इनमें कार, बाइक और ज्वेलरी शामिल हैं। इस दौरान पेय, बिस्कुट, मिठाई और यहां तक कि जूस की बिक्री में भी कई गुना बढ़ जाती है। मगर इस साल कंपनियों के सामने चुनौती थोड़ी गंभीर हो सकती है।
क्या हैं कारोबारियों के सामने चुनौतियां
इस साल कोरोना संकट के अलावा कंपनियों के सामने कई दिक्कतें हैं। उदारहण के लिए बजाज ऑटो लॉकडाउन का विरोध करती रही है और वाहनों का उत्पादन जारी रखने के लिए सुर्खियों में रही है। विश्लेषकों का कहना है कि बजाज के लिए मोटरसाइकिल इन्वेंट्री एक महीने से भी कम समय के लिए है। यानी कंपनी के पास स्टॉक में कम वाहन हैं। वहीं दोपहिया उद्योग में सप्लाई भी बहुत कम है। सीधे शब्दों में कहें तो इसका मतलब यह है कि त्योहारी सीजन में मांग बढ़ने पर वाहनों की सप्लाई बरकरार रखना कंपनी के लिए चुनौती है।
चीन से आयात पर रोक भी मुसीबत
एक अन्य कारोबारी के मुताबिक चीन से कलपुर्जों के आयात पर प्रतिबंध से भी ऑटो इंडस्ट्री के रिवाइवल की संभावनाओं को चोट पहुंची है। उद्योग का लगभग 26% चीन से आयात पर निर्भर रहा है और चीन से आयात पुर्जों की जगह स्वदेशी पुर्जों को लगाना कठिन है। इसलिए वाहन डीलरों पहले के 45 दिन के मुकाबले अब सिर्फ 3-4 दिन की इन्वेंट्री के साथ काम करने को मजबूर हैं। त्योहारी सीजन में मांग में वृद्धि को संभालने के लिए समस्या हो सकती है। एयरलाइंस के सामने अपनी ही चुनौतियां हैं। वे 50 फीसदी क्षमता यानी आधी सीटों पर लोगों के साथ उड़ान भर सकती हैं। मगर मांग नहीं हैं। ऐसे में उन्हें नुकसान होना तय है।
सोना के दाम बढ़ना भी समस्या
ज्वेलरी सेक्टर के लिए चुनौती खरीदारों को आकर्षित करने वाली बन गई है क्योंकि सोने के दाम रिकॉर्ड ऊंची कीमतों पर पहुंच गए हैं। सोने की कीमतें 50,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गईं हैं। संभावित खरीदार पहले से ही इनकम में दिक्कत और नुकसान में होंगे। रिकॉर्ड सोने की कीमतों से वे खरीदारी करने के परहेज कर सकते हैं। इससे ज्वेलर के लिए इस त्योहारी सीजन में मांग में बहुत अधिक वृद्धि की संभावना कम है। इधर एफएमसीजी इंडस्ट्री देश भर में लॉकडाउन के बावजूद बेहतर स्थिति में रही है। बिस्कुट, दूध और दूध उत्पादों आदि की बिक्री बढ़ रही है क्योंकि लोग घर के अंदर ही रहे।
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