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ट्रेड वॉर : विदेशी कंप्यूटरों से डरा चीन, कहा सभी को हटा देगा

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नयी दिल्ली। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट करके वर्ल्ड बैंक से चीन को कर्ज न देने को कहा था। ट्रम्प के ट्वीट के जवाब में वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि वे चीन को लगातार कर्ज देना कम कर रहा है और आगे भी इसमें कटौती जारी रखेगा। अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तीन साल के अंदर सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक संस्थानों से सभी विदेशी कंप्यूटर उपकरणों और सॉफ्टवेयर को हटाने का आदेश दिया है। चीन के इस कदम से अमेरिका की कई दिग्गज तकनीकी कंपनियों को झटका लग सकता है, जिनमें एचपी, डेल और माइक्रोसॉफ्ट शामिल हैं। इससे पहले दोनों देशों के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के एक टेक कॉल्ड वॉर में परिवर्तित हो जाने के कारण अमेरिका भी चीन की तकनीक के इस्तेमाल को सीमित करने के प्रयास करता रहा है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेड वॉर चल रहा है।

 
ट्रेड वॉर : विदेशी कंप्यूटरों से डरा चीन, सभी को हटा देगा

अमेरिकी कंपनियों के चीन के साथ कारोबार करने पर पाबंदी
ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिकी कंपनियों को इस साल की शुरुआत में चीन की टेलीककॉम कंपनी हुआवेई के साथ व्यापार करने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद मई में गूगल, इंटेल और क्वालकॉम ने घोषणा की कर दी थी कि वे हुआवेई के साथ सहयोग रोक देंगे। चीन को पश्चिमी तकनीकी जानकारी से बाहर करके ट्रम्प प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि दो आर्थिक महाशक्तियों में असली लड़ाई तकनीकी है। बीजिंग की तरफ से विदेशी तकनीक के उपयोग को सीमित करने वाला यह पहला कदम है। हालांकि यह चीन के घरेलू प्रौद्योगिकी पर अपनी निर्भरता बढ़ाने को लेकर महत्वपूर्ण कदम है।

 

चीन के सामने होगी चुनौती
अमेरिकी कंपनियों की तकनीक के इस्तेमाल को कम करने से चीन के सामने कई चुनौतियाँ भी आयेंगी। चीन को अगले 3 साल में सभी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर को बदलना होगा। दरअसल चीन में भी माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होते हैं, जो अमेरिकी कंपनी है। वहीं चीन की अपनी टेक कंपनियाँ, जिनमें लेनोवो शामिल है, भी अमेरिका का ही चिप-प्रोसेसर इस्तेमा कर रही हैं। चीनी सरकार के आदेश के मुताबिक दफ्तरों में से 2-3 करोड़ विदेशी कंप्यूटर और उपकरण 2020 तक ही बदलने पड़ेंगे, जो वहाँ ऑफिसों में इस्तेमाल हो रहे कुल तकनीकी उपकरणों का 30 फीसदी है। बाकी 70 फीसदी सामान अगले 2 सालों में बदला जायेगा।

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English summary

Trade war China scared of foreign computer said will remove all

US companies will be hit by new step of China. Both countries are talking to resolve trade war.
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