Top 10 Stocks : एफडी, स्मॉल सेविंग्स स्कीम से ज्यादा डिविडेंड, रिटर्न का फायदा अलग से
नई दिल्ली, सितंबर 11। जब एक लिस्टेड कंपनी मुनाफा कमाती है, तो उस मुनाफे का उपयोग करने के दो तरीके होते हैं। सबसे पहले, कंपनी या तो लाभ को बिजनेस में फिर से निवेश कर सकती है, या दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि इसे शेयरधारकों के साथ साझा किया जाए जिसे 'लाभांश या डिविडेंड' कहा जाता है। कंपनियां किसी वित्तीय वर्ष के लिए समय-समय पर लाभांश की घोषणा करती हैं और पात्र शेयरधारकों को उसका भुगतान करती हैं। ये लाभांश आपके स्टॉक में निवेश पर पैसिव इनकम होते हैं। आम तौर पर, उच्च लाभांश उपज (हाई डिविडेंड यील्ड) वाली कंपनी को सुरक्षित माना जाता है। यहां हम आपको उन 10 कंपनियों की जानकारी देंगे, जिन्होंने अपने निवेशकों को एफडी, स्मॉल सेविंग्स स्कीम से ज्यादा डिविडेंड रिटर्न दिया। साथ ही उन शेयरों पर जो रिटर्न मिला वो अलग से।
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वेदांत और एनएमडीसी
पिछले तीन वित्तीय वर्षों में शेयरधारकों को दिया गया लाभांश वेदांत की तरफ से बढ़ाया गया है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2019-20 में 3.9 रु प्रति शेयर का लाभांश दिया था, जो वित्त वर्ष 2020-21 में बढ़कर 9.5 रु प्रति शेयर हो गया, और वित्त वर्ष 2021-22 में ये बढ़ कर 45 रु प्रति शेयर हो गया। FY22 के दौरान कंपनी की डिविडेंड यील्ड 17.1% है। बात करें एनएमडीसी की तो वित्त वर्ष 2021-22 तक एनएमडीसी की डिविडेंड यील्ड लगभग 12.1% है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 में अपने शेयरधारकों को 14.7 रु प्रति शेयर का लाभांश दिया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में 7.8 रु प्रति शेयर का लाभांश और वित्त वर्ष 2019-20 में 5.3 रुपये प्रति शेयर लाभांश दिया था।
इंडियन ऑयल और आईएनईओएस सॉल्यूशंस
वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक इंडियन ऑयल की डिविडेंड यील्ड लगभग 11.8% रही। 2021-22 में 8.4 रु प्रति शेयर के लाभांश का भुगतान किया, जबकि 2020-21 में यह 8 रु प्रति शेयर था। वहीं 2019-20 में यह 2.8 रु था। आईएनईओएस सॉल्यूशंस ने वित्त वर्ष 2021-22 तक डिविडेंड यील्ड 11.4% है। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान स्मॉल-कैप स्टॉक ने 105 रुपये प्रति शेयर का भारी लाभांश दिया, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 10 रु प्रति शेयर की तुलना में दस गुना अधिक है।
सेल और पावर फाइनेंस
वित्त वर्ष 2021-22 में सेल की डिविडेंड यील्ड 10.8% है। पिछले वित्त वर्ष में 2.8 रु प्रति शेयर की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 में इसका लाभांश 8.8 रु प्रति शेयर रहा। वहीं भारत की सबसे बड़ी इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी, पीएफसी की वित्त वर्ष 2021-22 में 10.2% की डिविडेंड यील्ड है। कंपनी ने 2021-22 में 12 रु प्रति शेयर के लाभांश का भुगतान किया, जबकि 2020-21 में 10 रु प्रति शेयर और 2019-20 में 9.5 रु प्रति शेयर का लाभांश दिया था।
आरईसी और हुडको
आरईसी की वित्त वर्ष 2021-22 में 9.3% की डिविडेंड यील्ड है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 10 रु प्रति इक्विटी शेयर का भुगतान किया। हालांकि ये 2020-21 में 11 रु प्रति शेयर से कम है, मगर 2019-20 में रहे 8.3 रु प्रति शेयर से अधिक है। हुडको की वित्त वर्ष 2021-22 के अंत तक 8.5 प्रतिशत की डिविडेंड यील्ड है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का लाभांश 3.5 रु प्रति शेयर रहा, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 2.2 रु प्रति शेयर के लाभांश से अधिक है, लेकिन वित्त वर्ष 2019-20 में 3.1 रु प्रति शेयर से कम है।
नाल्को और हिंदुजा ग्लोबल
नाल्को की 2021-22 के अंत तक 8.4% की डिविडेंड यील्ड है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का लाभांश 6.5 प्रति शेयर रहा, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 3.5 रु प्रति शेयर और वित्त वर्ष 2019-20 में 1.5 रु प्रति शेयर से बढ़ा है। बात करें अंत में हिंदुजा ग्लोबल की तो वित्त वर्ष 2021-22 में 8.3% की लाभांश उपज है। वित्त वर्ष 2021-22 में कंपनी का लाभांश 2020-21 से 9.5 गुना अधिक रहा। ये इन दो सालों में 13 रु प्रति शेयर से बढ़ कर 124 रु प्रति शेयर हो गया। 2019-20 में ये लाभांश 11.8 रु प्रति शेयर था।