हजारों करोड़ का एक और बैंक घोटाला सामने, शिकंजे में हीरा कारोबारी
नयी दिल्ली। बैंकों में हजारों करोड़ रुपये का एक और घोटाला सामने आया है। यह मामला 14 बैंकों के साथ किये गये 3592 करोड़ रुपये के घोटाले का है। 3,592 करोड़ से अधिक की कथित बैंक धोखाधड़ी के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो या सीबीआई ने मुंबई स्थित मर्चेंट ट्रेडिंग कारोबारी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने कंपनी के निदेशकों उदय देसाई और सुजय देसाई और 11 अन्य व्यक्तियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है। 3592 करोड़ रुपये का घोटाला 1-2 नहीं बल्कि 14 बैंकों के साथ किया गया है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक निदेशकों ने बिना किसी बिजनेस के मर्चेंटिंग व्यापार की आड़ लेते हुए कर्ज लिया। सीबीआई ने आरोप लगाया कि ये बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह को भुगतान करने में चूक गए।
जाली दस्तावेज प्रस्तुत किए
सीबीआई का दावा है कि कंपनी और इसके निदेशकों, गारंटरों और अज्ञात संस्थाओं ने जाली दस्तावेज जमा किए और बैंक से फंड लिया। इस घोटाले को जनवरी 2018 में पीएनबी के साथ हुए 13000 करोड़ रुपये के घोटाले बाद किसी सरकारी बैंक के साथ हुआ सबसे बड़ा घोटाला माना जा रहा है। जनवरी 2018 में हीरा कारोबारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी द्वारा पीएनबी के साथ किये गये इस घोटाले का पर्दाफाश हुआ था।
लुकआउट सर्कुलर हुआ जारी
बैंकों की शिकायत पर 18 जनवरी को उदय देसाई और बाकी 10 लोगों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है। इससे पहले भी इंडियन ओवरसीज बैंक के अनुरोध पर देसाई और 13 अन्य लोगों के खिलाफ एक दूसरा लुकआउट सर्कुलर जारी कर दिया गया था। सीबीआई ने इन लोगों के खिलाफ यह कार्यवाई बैंक ऑफ इंडिया के कानपुर में मौजूद क्षेत्रीय कार्यालय की शिकायत के बाद की है।
यह भी पढ़ें - RBI : बैंक ग्राहकों को दें ATM की लिमिट घटाने-बढ़ाने की सुविधा