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Success Story : कभी दूध बेचता था ये शख्स, पर खड़ा कर दिया खुद का बैंक, आज इतनी है दौलत

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नई दिल्ली, जुलाई 27। लगन से काम करने और खुद पर भरोसा रखने से अपने भविष्य को सुधारा जा सकता है। ऐसा ही भरोसा चंद्रशेखर घोष को भी था, जो कभी पैसों के लिए मोहताज थे और आज अरबपति हो गए, बंधन बैंक के सीईओ व मैनेजिंग डायरेक्टर चंद्रशेखर घोष ने गरीबी से ना केवल जीवन की जरूरतों की बारीकियां सीखी, साथ ही उनको एक ऐसा बिजनेस आइडिया भी मिला, जिसने उनकी जिदंगी में साथ-साथ लाखो लोगो की जिंदगी को भी बदल दिया।

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बचपन में उन्होंने दूध बेचने का काम किया

बचपन में उन्होंने दूध बेचने का काम किया

चंद्रशेखर घोष का जन्म त्रिपुरा के अगरतला में हुआ था। बचपन से ही उन्होंने बहुत से संघर्षों का सामना किया। चंद्रशेखर घोष के पिताजी की एक छोटी सी मिठाई की दुकान थी और बचपन में वे दूध बेचने का काम किया करते थे। आश्रम के खाने से उनका पेट पलता था। ट्यूशन पढ़ाकर अपनी पढ़ाई का खर्च निकाला करते थे, लेकिन अब वे अपनी मेहनत से बड़े आदमी बन गए है। वे खुद के बलबूते पर पश्चिमी बंगाल की महिलाओं को 2-2 लाख रुपए का लोन देकर देश के 21 प्रसिद्ध बैंको से भी आगे निकल गए बंधन बैंक के मालिक है।

एक आईडिया ने बदली जिंदगी
 

एक आईडिया ने बदली जिंदगी

चंद्रशेखर अपने परिवार की मदद करने के लिए बहुत समय तक 5000 रुपए के वेतन पर नौकरी किया करते थे। उसके बाद 1990 के आखरी में उन्होंने कुछ अलग करके का निश्चय कर लिया। उसी दौरान वे बांग्लादेश में महिला सशक्तीकरण हेतु काम करने वाली विलेज वेलफेयर सोसाइटी नामक एक गैर सरकारी संस्था में प्रोग्राम हेड के तौर पर काम करने लगे थे। उन्होंने आइडिया आया कि अगर ऐसी महिलाओं को आर्थिक सहायता दी जाए तो बहुत से छोटे-छोटे उद्योगों की शुरुआत हो सकती है, इससे उन महिलाओं का जीवन तो सुधरेगा साथ ही देश की तरक्की भी होगी।

30 हजार करोड़ रूपए की वैल्यू और 2000 ब्रांचेस

30 हजार करोड़ रूपए की वैल्यू और 2000 ब्रांचेस

चंद्रशेखर के प्रयासों से बंधन माइक्रो फाइनेंस बैंक बुलंदियों पर पहुंच गया। आज इस बैंक की 2000 से भी अधिक शाखाएं हैं, 0 पोर्टफोलियो रिस्क के साथ तथा 100 % रिकवरी रेट के साथ कार्यरत हैं। चेयरमैन अशोक लाहिड़ी जी का कहना है कि यह एक ऐसी अग्रणी एजेंसी है, जो सामाजिक बदलाव पर केंद्रित है। यह संस्थान चंद्रशेखर घोष द्वारा सबसे पहले कोलकाता के एक छोटे से कस्बे में रहने वाली 25 बेसहारा महिलाओं की मदद हेतु शुरू किया गया था। उन महिलाओं की औसत कमाई जहाँ पहले 300 रुपये ही थी, पर आज बढ़कर 2000 रुपये तक हो पहुंच गई।

English summary

This person once used to sell milk but set up his own bank today there is so much wealth

By working diligently and believing in yourself, your future can be improved. Chandrashekhar Ghosh had the same faith, who was once fascinated by money and today became a billionaire,
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