दुनिया में इस भारतीय कारोबारी ने किया कमाल, कोरोना के बाद भी बढ़ी दौलत
नयी दिल्ली। कोरोनावायरस दुनिया में कई तरह की परेशानियाँ लेकर आया है। इसने सिर्फ इंसानों की जान नहीं ली, बल्कि कारोबार, इकोनॉमी और संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है। कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए कई देशों ने लॉकडाउन का सहारा लिया है। मगर इससे कारोबार भी बंद हो गए, जिसका असर दुनिया के अमीरों की संपत्ति पर पड़ा है। दुनिया के सभी बड़े कारोबारियों की संपत्ति में इस साल भारी गिरावट आई है। मगर एक भारतीय कारोबारी ऐसे भी हैं, जिनकी संपत्ति में इजाफा हुआ है। जहां दुनिया के दिग्गज कारोबारियों की संपत्ति में सेंध लग गई वहीं एक भारतीय कारोबारी ने अपने नाम का डंका बजा दिया है। हम इस कारोबारी के बारे में बताएंगे, मगर उससे पहले बता दें कि फरवरी-मार्च में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति में 28 फीसदी या 19 अरब डॉलर की भारी गिरावट दर्ज की गई। शेयर बाजार में तेज गिरावट से उन्हें रोजाना औसतन 30 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ। 31 मार्च तक उनकी संपत्ति घट कर 48 अरब डॉलर आ गई है, जिससे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की फहरिस्त में भी वे 8 पायदान लुढ़क कर 17वें नंबर पर आ गये।
इस भारतीय कारोबारी ने किया कमाल
राधाकिशन दमानी वे इकलौते भारतीय कारोबारी हैं, जिनकी संपत्ति में इस साल बढ़ोतरी हुई है। भारत में हाइपरमार्केट की चेन एवेन्यू सुपरमार्ट्स के फाउंडर और नियंत्रक दमानी की संपत्ति इस साल 5 फीसदी बढ़ कर 10.2 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। दमानी उन 12 अरबपतियों कारोबारियों से इकलौते हैं जिनकी दौलत कोरोना संकट में भी बढ़ी है। बता दें कि एवेन्यू सुपरमार्ट्स, जो दमानी की संपत्ति में लगभग पूरा योगदान देती है, का शेयर इस साल 18 फीसदी ऊपर चढ़ा है। मुम्बई के एक कमरे के अपार्टमेंट में पले बढ़े दमानी की संपत्ति ऐसे समय बढ़ी है, जब मुकेश अंबानी और उदय कोटक जैसे दिग्गजों की संपत्ति में भी सेंध लग गई।
क्या है दमानी की कामयाबी का राज
दमानी की सुपरमार्केट चेन, जो किफायती कॉस्ट स्ट्रक्चर के लिए जानी जाती है, को भारत में पिछले महीने तीन सप्ताह के लॉकडाउन से फायदा मिला है। क्योंकि करोड़ों लोगों ने लॉकडाउन में घरेलू आवश्यक वस्तुओं की अधिक खरीदारी की। दमानी की सुपरमार्केट चेन ने ग्राहकों को बिना फालतू उत्पादों के कम विकल्प देकर पैसा कमाया है। इसने विक्रेताओं के साथ बातचीत की और किसी भी विज्ञापन खर्च से बची। बता दें कि डी-मार्ट के प्रतिद्वंद्वियों को इस स्थिति का उतना लाभ नहीं हुआ। फ्यूचर ग्रुप, जो आमदनी के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा चेन चलाती है और इसके देश भर में 1,300 से अधिक स्टोर हैं, की रिटेल कंपनी का शेयर बढ़ते लोन के बीच इस साल 80 फीसदी तक लुढ़का।
कब तक होता रहेगा फायदा
एवेन्यू सुपरमार्ट्स और दमानी का सितारा तब तक बुलंद है जब तक भारत के तेजी से बढ़ते उपभोक्ता सामानों के लिए सप्लाई चेन बाधित नहीं होती। लॉकडाउन के विस्तार से डी-मार्ट का स्टॉक खाली हो सकते हैं। अभी के लिए दमानी के स्टोर अपने भंडार गृहों को फिर से भरने के लिए प्रबंधन कर रहे हैं। जानकार कहते हैं कि बहुत कम खुदरा विक्रेता ऐसे हैं जो एवेन्यू सुपरमार्ट्स की तुलना में बेहतर हैं। जहां तक दुनिया के अन्य बड़े कारोबारियों की संपत्ति का सवाल है तो संपत्ति का नुकसान उठाने वाले शीर्ष 10 लोगों की सूची में कार्लोस स्लिम और परिवार, मार्क जुकरबर्ग, लैरी पेज, सर्गेई ब्रिन और माइकल ब्लूमबर्ग शामिल हैं।
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