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Big Alert : बंद हो गया ये बैंक, फंस गए खाताधारकों के पैसे, आपका खाता तो इसमें नहीं

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नई दिल्ली, सितंबर 22। अपनी शुरुआत के 110 साल बाद आज गुरुवार 22 सितंबर को रुपया सहकारी बैंक (आरसीबी) लिमिटेड बंद हो गया। कानूनी याचिकाओं और प्रशासनिक अपीलों के साथ साथ बैंक को बंद होने से बचाने के लिए आरसीबी लिमिटेड कर्मचारी संघों के प्रयासों के बावजूद, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसके निवेशकों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। आरसीबी के बंद होने की खबर कई दिनों से चर्चा में थी। आगे जानिए क्यों 1 सदी से पुराने बैंक को बंद करना पड़ा।

 

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात

बीते बुधवार को ही आरसीबी के निवेशकों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी। ये मुलाकात उनकी पुणे यात्रा के दौरान की गयी और उनसे बैंक को बंद करने के मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया गया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सीतारमण ने जवाब में कहा कि मैं इस मामले को देखूंगी। मगर फिलहाल ऐसा कुछ नहीं दिखा है।

अधिकार समिति के सदस्यों की गुजारिश

अधिकार समिति के सदस्यों की गुजारिश

रुपया बैंक जमाकर्ता अधिकार समिति के सदस्य श्रीरंग परस्पतकी और सुनील गोले ने इस मुद्दे पर मंत्री से मुलाकात की। पारसपाटकी के मुताबिक जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिए वित्त मंत्री से अनुरोध करते हैं कि आरसीबी के किसी अन्य निजी बैंक के साथ विलय पर विचार किया जाए। इस मामले में एक पत्र पहले ही दिया जा चुका है।

1912 में हुई थी शुरुआत
 

1912 में हुई थी शुरुआत

मार्केट यार्ड मुख्यालय वाले इस बैंक की स्थापना 21 नवंबर, 1912 को स्वदेशी आंदोलन के तहत एक रुपये की सामूहिक इक्विटी भागीदारी के माध्यम से की गई थी। हालांकि इसके पिछले दो दशकों में वित्तीय हेराफेरी, बैंक के ऑपरेशन पर कड़े प्रतिबंध सहित कई मुद्दे सामने आए। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंक के कुप्रबंधन के आरोपितों को पकड़ने के कई प्रयास किए और इसे फिर से रिवाइव करने के भी प्रयास किए गए।

4000 से अधिक लोगों को झटका

4000 से अधिक लोगों को झटका

इस बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया गया। ये फैसला 4,000 से अधिक जमाकर्ताओं के लिए बड़ा झटका था। विशेष रूप से उन उच्च मूल्य वाले जमाकर्ताओं के लिए जिनमें वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं, जिनकी बैंक में लगभग 340 करोड़ रुपये की जमा राशि है। आरबीआई के अनुसार, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम के तहत बैंक के लिक्विडेशन के बाद, उच्च मूल्य वाले जमाकर्ताओं को बैंक में उनकी कुल जमा राशि की परवाह किए बिना अधिकतम 5 लाख रुपये वापस मिलेंगे।

नहीं बची कोई उम्मीद

नहीं बची कोई उम्मीद

भालचंद्र कुलकर्णी रुपया बैंक जमाकर्ताओं के अधिकार मंच के वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। उनके अनुसार हमारी सभी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं और आगे कोई बदलाव की कोई संभावना नहीं है। हालांकि एक बैंक आरसीबी में 550 करोड़ रुपये निवेश करने के लिए तैयार है, लेकिन आरबीआई प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार क्यों नहीं है, यह हमारी समझ से परे है। यह बहुत कठिन स्थिति है। आरबीआई ने 12 सितंबर, 2017 के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में 8 अगस्त, 2022 के आदेश के तहत आरसीबी का लाइसेंस रद्द कर दिया। नतीजतन, शीर्ष बैंक ने आदेश दिया कि बैंक 22 सितंबर 2022 से बैंकिंग व्यवसाय करना बंद कर देगा।

English summary

This bank is closed money of account holders trapped is your account in it

This bank with market yard headquarters was established on November 21, 1912 under the Swadeshi Movement through a collective equity participation of Rs 1.
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