बदल गए आज से ये जरूरी नियम, गैस सिलेंडर से लेकर हवाई यात्रा तक में बदलाव
आज से नया वित्त वर्ष 2021-22 शुरू हो गया है। आज से जरूरतमंद चीजों के दाम बढ़ गए हैं। यूं कहें कि नए वित्त वर्ष के पहले दिन से लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। अब इसका असर आपकी जेब पर सीधा होगा।
नई दिल्ली: आज से नया वित्त वर्ष 2021-22 शुरू हो गया है। आज से जरूरतमंद चीजों के दाम बढ़ गए हैं। यूं कहें कि नए वित्त वर्ष के पहले दिन से लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। अब इसका असर आपकी जेब पर सीधा होगा। आज से गैस सिलेंडर, हवाई यात्रा और टैक्स से जुड़े कई तरह के नियम बदल गए हैं, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। आइए जानते हैं नए वित्त वर्ष में क्या-क्या बदलाव हो रहा है।
बदल गए इनकम टैक्स से जुड़े ये नियम
सस्ता हुआ गैस सिलेंडर
मंहगाई के बीच सबसे पहले अच्छी खबर दे दें। अच्छी खबर ये है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती के बाद रसोई गैस सिलेंडर की खुदरा कीमतों में भी कटौती की गई है। तेल और गैस मार्केंटिंग कंपनी इंडियन ऑयल (आईओसी) ने एलपीजी सिलेंडर पर 10 रुपये की कटौती की गई है। नई दरें आज यानी 1 अप्रैल 2021 से लागू हो गई हैं। दिल्ली में एलपीजी सिलेंडर के दाम 819 रुपये से घटकर अब 809 रुपये हो गए हैं। एलपीजी में कटौती का फायदा पूरे देश के ग्राहकों को मिलेगा।
हवाई किराया महंगा हो गया
देश में आज से हवाई सफर भी महंगा हुआ। दरअसल, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने हवाई टिकट में एयरपोर्ट सिक्योरिटी फीस (एएसएफ) को बढ़ा दिया है। एयरपोर्ट सिक्योरिटी फीस के लिए घरेलू यात्रियों से 200 रुपये लिए जाएंगे। वहीं, इंटरनेशनल यात्रियों को 12 डॉलर देने होंगे। बता दें कि ये नई दरें 1 अप्रैल से लागू हो गई है।
सरल पेंशन योजना
1 अप्रैल से सरल पेंशन योजना शुरू हो गई है। सरल पेंशन प्लान के तहत बीमा कंपनियों को केवल दो एन्युटी (वार्षिकी) देने का विकल्प देगा। इरडा की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि सरल पेंशन प्लान के तहत मैच्योरिटी लाभ नहीं मिलेगा। दिशा-निर्देशों के मुताबिक, न्यूनतम एन्युटी राशि एक हजार रुपये प्रति माह, तीन हजार रुपये प्रति तिमाही, छह हजार रुपये प्रति छमाही या 12 हजार रुपये सालाना होगी।
50 करोड़ से अधिक के टर्नओवर पर ई -इनवॉयस
सरकार ने 50 करोड़ रुपए से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए एक अप्रैल से बी2बी (कंपनियों के बीच) लेनदेन को ई-इनवॉइस निकालना अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने अधिसूचना में कहा कि 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए ई-इनवॉइस 1 अप्रैल से अनिवार्य होगा।
कार-बाइक खरीदना होगा महंगा
आज से कार-बाइक खरीदने के लिए आपको ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। मारुति सुजुकी समेत सभी ऑटोमेकर कंपनियां 1 अप्रैल से गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर चुकी हैं। इनपुट कॉस्ट में बढ़ोतरी के चलते कंपनियों ने यह फैसला किया है। हालांकि, कार और बाइक के दाम कितने बढ़ेंगे, कंपनियों ने इसका खुलासा नहीं किया है।
टीवी खरीदना महंगा
टीवी के लिए आज से आपको दो से तीन हजार रुपए तक ज्यादा दाम चुकाने होंगे। चीन से आयात होने वाले सामानों पर बैन के बाद से ही टीवी महंगे हो रहे हैं। बीते 8 महीनों में ही टीवी की कीमतें तीन से चार हजार रुपए तक बढ़ गई हैं।
स्टील के लिए चुकाने होंगे ज्यादा कीमत
स्टील के लिए भी आज से आपको ज्यादा दाम चुकाने पड़ सकते हैं। इसके पीछे घरेलू बाजार में कच्चे माल का लगातार महंगा होना और उत्पादन में गिरावट को जिम्मेदार माना जा रहा है। चार महीनों की अवधि में स्टील की कीमतें नवंबर 2020 में 45,000 रुपए से करीब दोगुनी हो गईं और मार्च 2021 में 72,000 रुपए हो गईं। आज से स्टील की कीमतों में 4,000 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है।
फ्रिज और एसी के भी बढ़े दाम
फ्रिज और एयर कंडीशनर के भी दाम आज से बढ़ गए हैं। वहीं कंपनियों ने इनके दाम में बढ़ोतरी की घोषणा पहले ही की है। फ्रिज और एसी की कीमतें 5 से 10 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। मेटल और कंप्रेसर की कीमतें जो कि बड़े पैमाने पर इम्पोर्ट की जाती हैं। इसकी कीमत बढ़ गई है। कीमतें बढ़ने से एसी महंगा हो गया।
बुजुर्गों को नहीं भरना होगा रिटर्न
इस बजट में वित्त मंत्री ने 75 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत देने का ऐलान किया। इसकी एकमात्र शर्त ये है कि बुजुर्ग के लिए सोर्स ऑफ इनकम पेंशन और बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज दोनों एक ही बैंक में आता हो। अगर ऐसा होता है तो बैंक खुद टैक्स डिडक्शन करेगा।
पीएफ टैक्स नियम में आज से बदलाव
2021-22 के बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्मचारियों और नियोक्ताओं द्वारा भविष्य निधि योगदान पर अर्जित टैक्स फ्री ब्याज को 1 वर्ष में अधिकतम 2.5 लाख तक कर दिया है। 2.5 लाख रुपए से अधिक के पीएफ में वार्षिक कर्मचारी योगदान के ब्याज पर टैक्स लगेगा फिर उसने प्रस्तावित 2.5 लाख के मुकाबले निर्दिष्ट मामलों में कर्मचारियों द्वारा भविष्य निधि अंशदान पर अर्जित ब्याज पर टैक्स छूट की सीमा 5 लाख प्रति वर्ष कर दी. 5 लाख तक के योगदान में नियोक्ता का योगदान शामिल नहीं है।