ये हैं गिराई गयी Twin Tower के मालिक, 34 कंपनियों के साथ अरबों रु हैं जेब में
नई दिल्ली, सितंबर 03। हाल ही में नोएडा के ट्विन टावर को गिरा दिया गया। ये दोनों इमारतें 32 और 29 मंजिला थीं, जो मलबे में तब्दील हो गईं हैं। इन्हें 200 करोड़ रु से ज्यादा की लागत से तैयार किया गया था, जबकि करीब 20 करोड़ रु का खर्च इन्हें गिराने में आया। मगर क्या आप जानते हैं कि इन टावर्स का मालिक कौन है? जानने के लिए खबर को अंत तक पढ़ें।
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सुपरटेक ने तैयार की थी ट्विन टावर
गिराई जा चुकी ट्विन टावर को सुपरटेक ने बनाया था, जिसके मालिक हैं आरके अरोड़ा। आरके अरोड़ा कोई छोटे मोटे कारोबारी नहीं, बल्कि 34 कंपनियां बनाने वाले व्यक्ति हैं। उनकी ये कंपनियां कई सेक्टरों में हैं। इनमें सिविल एविएशन, कंसलटेंसी, ब्रोकिंग, प्रिंटिंग, फिल्म्स, हाउसिंग फाइनेंस और कंस्ट्रक्शन शामिल हैं। आरके अरोड़ा ने कुछ लोगों के साथ सात दिसंबर 1995 को सुपरटेक की नींव रखी थी।
कई जगहों पर किए प्रोजेक्ट लॉन्च
सुपरटेक ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र, मेरठ, दिल्ली-एनसीआर के अलावा देश के करीब 12 शहरों में रियल स्टेट प्रोजेक्ट पेश किए और इसी के चलते अरोड़ा ने रियल स्टेट क्षेत्र में काफी मशहूर हो गए। यहीं से अरोड़ा का 34 कंपनियां खोलने का सफर शुरू हुआ। 1999 में आरके अरोड़ा की पत्नी संगीता ने सुपरटेक बिल्डर्स एंड प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की।
बेटे को किया बिजनेस में शामिल
आरके अरोड़ा ने अपने बेटे मोहित अरोड़ा को साथ जोड़ा और पावर जेनरेशन, डिस्ट्रीब्यूशन और बिलिंग सेक्टर में एंट्री की। इन कामों के लिए उन्होंने सुपरटेक एनर्जी एंड पावर प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत की। बात करें ट्विन टावर की तो नंवबर 2004 में नोएडा अथॉरिटी ने सेक्टर-93ए स्थित प्लॉट नंबर-4 को एमराल्ड कोर्ट के लिए अलॉट कर दिया।
9 मंजिल की थी परमिशन
शुरू में 9 मंजिल तक बिल्डिंग बनाने की अनुमति थी, जिसे दो साल बाद 2006 में बढ़ा कर 11 मंजिल तक फ्लैट में बदल दिया गया। इसके बाद 14, फिर 17 और फिर इन दोनों टावर को 40 मंजिल तक करने की अनुमति दे दी गई। ऊंचाई 121 मीटर रहनी थी। टावरों के बीच की दूरी केवल नौ मीटर रखी गई। मगर नियम ये था कि ये दूरी 16 मीटर होनी चाहिए।
मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
सुपरटेक ने टावर्स में 32 और 29 मंजिल तक का काम निपटा दिया। मगर फिर मामला कोर्ट पहुंचा। फिर खुलीं भ्रष्टाचार की परतें, जिनके चलते टावर्स का अंजाम मलबे में तब्दील होना रहा।
आरके अरोड़ा की संपत्ति
आरके अरोड़ा के पास 970 करोड़ रुपये की कुल संपत्ति है। ये संपत्ति उनकी पत्नी संगीता अरोड़ा के साथ मिला कर है। मगर जब सुप्रीम कोर्ट ने ट्विन टावर गिराने का आदेश दिया तो उसके बाद से आरके अरोड़ा की स्थिति खराब होने लगी। ट्विन टावर्स को बनाने में 200 करोड़ रु से ज्यादा खर्च हुए थए। जिन 711 फ्लैटों की बुकिंग हुई थी, उनके लिए कंपनी ने लोगों से पैसे लिए थे, मगर ये पैसा उसे बुकिंग अमाउंट और 12 प्रतिशत ब्याज के साथ देना पड़ा। 300 से ज्यादा लोगों ने पैसा लिया और बाकी ने दूसरी परियोजनाओं में प्रॉपर्टी। 14 करोड़ रु से अधिक का रिफंड दिया जाना बाकी है।