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आज से खत्म हो गए यह 6 सरकारी बैंक, जानिए ऐसा क्यों हुआ

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नयी दिल्ली। 1 अप्रैल 2020 यानी नया वित्त वर्ष 2020-21 शुरू होते ही 6 ऐसे बैंक हैं जिनका वजूद समाप्त हो गया। ये सभी बैंक सरकारी हैं। दरअसल इन 6 बैंकों का अन्य 4 सरकारी बैंकों में विलय हो गया है। हाल ही में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बताया था कि 10 सरकारी बैंक के विलय योजना 1 अप्रैल से लागू होगी, जिससे 6 बैंक 4 बैंकों में मिल जाएंगे। यानी 10 सरकारी बैंक आपस में मिल कर 4 रह जाएंगे। ये योजना आज से लागू हो गई है। इससे 6 बैंकों के ग्राहक अब उन चार अन्य बैंकों के ग्राहक होंगे जिनमें उनके बैंक का विलय हुआ है। विलय होने वाले बैंकों की शाखाएं उन बैंकों की शाखाओं के रूप में काम करेंगी जिनमें इनका विलय हुआ है। वैसे बैंक अधिकारियों की यूनियनों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि कोरोनोवायरस के चलते लॉकडाउन के कारण बैंकों की विलय योजनाओं को स्थगित कर दिया जाए। मगर इस योजना को टाला नहीं गया है।

पिछले साल हुई थी घोषणा

पिछले साल हुई थी घोषणा

बैंकों के विलय की योजना पिछले साल अगस्त में घोषित हुई थी। योजना के तहत ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पंजाब नेशनल बैंक में हो गया है। जबकि सिंडिकेट बैंक अब केनरा बैंक में मिल गया है। इसके अलावा इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिला दिया गया है। आंध्र बैंक और कॉर्पोरेशन बैंक अब यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में मिल गए हैं। पिछले गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी स्पष्ट किया था कि बैंकों के विलय की योजना एक अप्रैल से लागू हो जाएगी।

सरकार के बड़े लक्ष्य का हिस्सा
 

सरकार के बड़े लक्ष्य का हिस्सा

बैंकों के विलय की योजना सरकार के एक बड़े लक्ष्य का हिस्सा है। देश के सार्वजनिक बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा एकीकरण 2025 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। पिछले साल अगस्त के अंत में 10 बैंकों को चार में मिलाने का फैसला ऐसे समय लिया गया था जब देश के बैंकों के सामने कर्ज के पहाड़ और हजारों करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आ रही थी। हालांकि बैंक अधिकारियों की ट्रेड यूनियनों ने विलय का विरोध किया है। मगर पिछले हफ्ते उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा कि कोरोनोवायरस के करण लॉकडाउन के चलते विलय योजनाओं को स्थगित किया जाए।

बैंक यूनियनों की हड़ताल

बैंक यूनियनों की हड़ताल

पिछले साल ट्रेड यूनियनों ने विलय का विरोध करते हुए कहा था कि यह कदम कुछ ब्रांचों में कारोबार में अड़चन लाएगा और नौकरियों को प्रभावित करेगा। मगर सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि विलय किसी भी कर्मचारी की नौकरी का नुकसान नहीं होगा। बता दें कि बैंकिंग सेक्टर के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं। इन्हें फिर से अच्छी हालत में लाने के लिए सरकार ने पिछले पांच वर्षों में 2.6 लाख करोड़ रुपये भी डाले हैं। बहरहाल ग्राहकों को अब उस बैंक का ग्राहक माना जाएगा जिसमें उनका बैंक विलय हो रहा है। जैसे ओरिएंटल और यूनाइटेड बैंक के ग्राहक अब पीएनबी के ग्राहक होंगे।

 

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English summary

These 6 government banks are over from today know why this happened

Under the scheme, Oriental Bank of Commerce and United Bank of India have merged with Punjab National Bank. Whereas Syndicate Bank has now merged into Canara Bank.
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