Budget 2022 : बजट वाले दिन दोनों सदनों में नहीं होगा शून्यकाल
नई दिल्ली, जनवरी 30। संसद में बजट 1 फरवरी 2022 को पेश किया जाएगा। इस दौरान संसद के बजट सत्र के शुरू के 2 दिनों में लोकसभा और राज्यसभा में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं होगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों को संबोधन करने के साथ कल यानी 31 जनवरी को बजट सत्र शरू होगा। यह बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी।
शुक्रवार की तरफ से जारी संसद बुलेटिन में बताया गया है कि 31 जनवरी और 1 फरवरी, 2022 को कोई 'शून्यकाल' नहीं होगा। सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के कारण 17वीं लोकसभा के 8वें सत्र के पहले दो दिनों के दौरान 31 जनवरी और 1 फरवरी 2022 को 'शून्यकाल' नहीं होगा।
संसद के नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार, प्रश्नकाल और शून्यकाल हर एक दिन 60 मिनट के लिए आयोजित किए जाते हैं। लोकसभा में, प्रश्नकाल दिन की कार्यवाही की शुरुआत में यानी सुबह 11 बजे से दोपहर तक होता है और उसके बाद शून्यकाल होता है। राज्यसभा में, शून्यकाल सुबह 11 बजे शुरू होता है और उसके बाद दोपहर में प्रश्नकाल होता है।
जानिए कब से रेल बजट मुख्य बजट में जोड़ा गया
2017 में रेल बजट को यूनियन बजट का हिस्सा बना दिया गया था। अंतिम बार रेल बजट 25 फरवरी, 2016 को पेश किया गया था। उस वक्त रेल मंत्री सुरेश प्रभु थे। उसके बाद 2017 में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने यूनियन बजट के साथ ही रेल बजट भी पेश किया था। इसके साथ ही अलग रेल बजट पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हुई थी। दरअसल, 2015 में नीति आयोग की एक कमेटी ने अलग से रेलवे बजट पेश करने के प्रैक्टिस को बंद करने की सिफारिश की थी।
कैसे तैयार होता है बजट
बजट को वित्त मंत्रालय अपने नीति आयोग और इससे संबंधित अन्य मंत्रालयों के सहयोग से तैयार करता है। कई एडवाइजर और ब्यूरोक्रेट्स की मदद से वित्त मंत्री इस बजट को बजट तैयार करती हैं। वित्त मंत्रालय का डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स बजट तैयार करने के लिए नोडल बॉडी है। बजट को किस तरह से बनाया जाना है, क्या शामिल करना है, ये प्रक्रिया लगभग 6 महीने पहले यानी अगस्त-सितंबर में ही शुरू हो जाती है।
जानिए भारत का पहला बजट किसने पेश किया था
भारत का पहला बजट साल 1860 में 18 फरवरी को वायसराय की परिषद में जेम्स विल्सन ने पेश किया था। जेम्स विल्सन भारतीय वायसराय को सलाह देने वाली परिषद के वित्त सदस्य थे। वहीं अगर स्वतंत्र भारत के पहले बजट की बात की जाए तो पहला बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आर. के. शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
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