Electric Vehicle : अब होगी ब्रांड्स की भरमार, एक ही जगह मिलेंगे कई कंपनियों के वाहन
नई दिल्ली, जून 25। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदारों के लिए अब काफी आसानी होने वाली है। उन्हें एक नयी शानदार सुविधा मिलने जा रही है। दरअसल वे अब नये ईवी को खरीदने के लिए जिस शोरूम में जाएंगे, वहां उन्हें पसंदीदा ईवी चुनने के लिए कई ब्रांडों में से एक विकल्प चुनने का मौका मिलेगा। जैसे कि आप कोई नया मोबाइल फोन खरीदने जाते हैं तो एक ही स्टोर पर कई ब्रांड्स के तरह तरह के स्मार्टफोन वहां देखने को मिलते हैं। असल में ऐसा ही ईवी के मामले में होगा, क्योंकि मल्टी-ब्रांड वाहन डीलरशिप का कंसेप्ट धीरे-धीरे भारत में काफी लोकप्रियता हासिल कर रहा है। इससे ईवी खरीदारी को भी बढ़ावा मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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मल्टी-ब्रांड डीलरशिप
मल्टी-ब्रांड डीलरशिप एक विदेशी अवधारणा है, जो वहां काफी मशहूर भी हुई है। लेकिन इस पर भारत में अभी तक ध्यान नहीं दिया गया। ईवी का चलन बढ़ने के साथ, मल्टी-ब्रांड डीलरशिप को अब यहां भी बढ़ावा मिल रहा है और आधा दर्जन कंपनियां इस क्षेत्र में निवेश कर रही हैं। इसके पीछे की वजह समझना आसान है। दरअसल भारत में दोपहिया, तिपहिया और साइकिल सेगमेंट में दसियों छोटे ईवी निर्माता हैं, जिनमें से अधिकांश के पास न तो वॉल्यूम हैं और न ही ब्रांड के लिए विशेष शोरूम। ऐसे में मल्टी-ब्रांड शोरूम सिस्टम सिंगल-ब्रांड शोरूम की तुलना में ज्यादा कामयाब हो सकते हैं। इसका फायदा इन कंपनियों और ग्राहको को दोनों को मिलने की उम्मीद है। इससे डीलर के लिए ऑपरे की बेहतर स्थिरता सुनिश्चित होती है।
सेल्स नेटवर्क में सुधार
इसके अलावा इस तरह की डीलरशिप नई ईवी कंपनियों को कम समय और कम पूंजी खर्च से ही अपनी बिक्री और सर्विस नेटवर्क को बढ़ाने में मदद करेगी। इस तरह की एक कंपनी है इलेक्ट्रिक वन। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार इसके को-फाउंडर और सीओओ के मुताबिक हम खुद को इलेक्ट्रिक वाहनों के क्रोमा के रूप में देखते हैं। इस तरह अन्य कंपनियों में बाइकवो, मैड अबाउट व्हील्स, बीलाइव, ईव्हीलर्स और ग्रीव्स कॉटन की ऑटोईवीमार्ट शामिल हैं। ये कंपनियां एक फ्रैंचाइज़ी मॉडल पर काम करती हैं और एक डीलर और कई ईवी मैन्युफैक्चरर्स के बीच एक इंटरफेस के तौर पर काम करती हैं। इन कंपनियों और डीलरों के लिए ऑटो सेल्स के अलावा अन्य इनकम सोर्स में सर्विसिंग, वाहन चार्जिंग, ब्रांड प्रचार और रोडसाइड हेल्प शामिल हैं।
भारत में नहीं मिली प्रसिद्धि
इलेक्ट्रिक वन के सीओओ के अनुसार यह कंसेप्ट देशों में लंबे समय से मशहूर है, मगर किसी कारण से भारत में इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। उनके अनुसार ईवी में एंट्री बेरियर कम है, इसलिए बहुत सारी कंपनियां मैन्युफैक्चरिंद में शामिल हुईं, जिससे हमारे जैसे विशेष रिटेलर के लिए अवसर पैदा हुआ। बता दें कि इलेक्ट्रिक वन ने अगस्त 2020 में जयपुर में अपने पहले आउटलेट के साथ कारोबार शुरू किया था। सीओओ के मुताबिक अब तक इसके 82 फ्रेंचाइजी आउटलेट हैं और चालू वित्त वर्ष के अंत तक इसकी संख्या 250 तक पहुंचाने की योजना है। कंपनी की योजना शीघ्र ही अफ्रीका के बाद थाईलैंड में विदेशी ऑपरेशन शुरू करने की भी है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वन पहले से ही प्रोफिट में है।