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प्राइवेट बैंकों में भी होता है भ्रष्टाचार, इस बैंक ने 6 अफसर किए बर्खास्त

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नयी दिल्ली। पिछले कुछ महीनों में देश के कई बैंकों में भ्रष्टाचार और फाइनेंशियल गड़बड़ियां सामने आई हैं। सबसे ज्यादा मामले सहकारी यानी को-ऑपरेटिव बैंकों के सामने आए हैं। इसके अलावा यस बैंक जैसे बड़े बैंक का उदाहरण भी सामने आया। अब एक और प्राइवेट में भ्रष्टाचार होने की खबर सामने आई है। मामला देश के प्रमुख प्राइवेट बैंक एचडीएफसी बैंक का है। एचडीएफसी बैंक ने कथित तौर पर भ्रष्टाचार और कॉर्पोरेट गवर्नेंस स्टैंडर्ड्स के उल्लंघन के आरोपों में अपने 6 अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। प्राइवेट सेक्टर कर्जदाता ने आंतरिक जांच के बाद 6 वरिष्ठ और मध्य-स्तर के अधिकारियों को निकाल दिया। जांच में पाया गया कि वे भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल थे।

एचडीएफसी बैंक की थी नजर

एचडीएफसी बैंक की थी नजर

एचडीएफसी बैंक अपने व्हीकल फाइनेंसिंग बिजनेस में गड़बड़ी के आरोपों की जांच कर रहा था। ईटी नाओ की रिपोर्ट के अनुसार बैंक के कार लोन ग्राहकों को गैर-वित्तीय व्यवसायों से बैंकों को प्रतिबंधित करने वाले दिशानिर्देशों के संभावित उल्लंघन में लोन सहित जीपीएस उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया गया। आंतरिक जांच से पता चला है कि कुछ ग्राहक वाहन ट्रैकिंग डिवाइस खरीदने के बारे में जानते भी नहीं थे। प्रोडक्ट्स सेल्स के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ऑटो लोन के साथ कथित तौर पर इन्हें बेचा गया।

कितनी ही जीपीएस डिवाइस की कीमत
 

कितनी ही जीपीएस डिवाइस की कीमत

एचडीएफसी बैंक के अधिकारियों ने कार लोन ग्राहकों को 2015 से दिसंबर 2019 के बीच 18,000-19,500 रुपये की कीमत वाले जीपीएस उपकरण खरीदने के लिए मजबूर किया था। पिछले हफ्ते बिना कोई डिटेल दिए बैंक ने कहा कि उसने जांच के बाद व्हीकल फाइनेंस यूनिट में कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की। ये जीपीएस डिवाइस मुंबई की एक कंपनी Trackpoint GPS द्वारा बेचे गए थे और बैंक का इस कंपनी के साथ गठबंधन है। यह एक बैंक अप्रूव्ड प्रोडक्ट है। यह बैंक के पोर्टफोलियो का एक छोटा हिस्सा है। हर महीने 18,000-19,000 रुपये की कीमत वाले ऐसे 4000-5000 डिवाइस बिकते हैं।

आरबीआई की 44 बैंकों पर कार्रवाई

आरबीआई की 44 बैंकों पर कार्रवाई

जहां तक बैंकों में गड़बड़ियों का सवाल है तो आरबीआई ने इस साल में 44 बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसके पीछे मुख्य कारण फाइनेंशियल स्थिति में गड़बड़ी और प्रूडेंशियल नियमों का पालन न करना शामिल है। इनमें उन बैंकों के मामलों को भी शामिल किया गया है जिनकी व्यावसायिक गतिविधियों पर आरबीआई ने नए प्रतिबंध लगाए हैं। अप्रैल में आरबीआई ने 9 सहकारी बैंकों पर कार्रवाई की थी। मई में 8 ऐसे मामले सामने आए जिनमें आरबीआई ने संकटग्रस्त सहकारी बैंकों पर कार्रवाई की। 2 मई को आरबीआई ने एक और बैंक को बंद करने का निर्देश दिया। इस बार मुंबई स्थित सीकेपी सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द हुआ। मार्च 2018 तक भारत में 1,551 शहरी सहकारी बैंक (यूसीबी) थे। उस समय इन बैंकों के पास 4.5 लाख करोड़ रुपये डिपॉजिट थे।

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English summary

There is corruption in private banks also HDFC bank sacked 6 officers

HDFC Bank fired 6 senior and mid-level officials after an internal investigation. The investigation found that they were involved in corrupt activities.
Story first published: Tuesday, July 21, 2020, 15:57 [IST]
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