Cheetah पर मचा है तूफान, एक को पालने में ही आता है लाखों का खर्च
नई दिल्ली, सितंबर 18। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था। इस मौके पर उन्होंने नामीबिया से लाए गए चीतों को उनके नए घर, मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रिलीज किया। नामीबिया से आठ चीते कल भारत में पहुंचे। वे विलुप्त घोषित होने के सात दशक बाद फिर से एक कार्यक्रम के तहत भारत लाए गए। मगर पीएम का यह कार्यक्रम विपक्षी नेताओं को पसंद नहीं आया। इस पर काफी वाद-विवाद चल रहा है। मगर क्या आप जानते हैं कि एक चीते का बच्चा कितने का आता है और उसे पालने में कितना खर्च करना पड़ता है? अगर नहीं तो इस खबर को अंत तक पढ़ें।
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कितनी है चीते की कीमत
असल में चीते पर चल रही चर्चा के बीच बहुत से लोग यह जानना चाहते हैं कि एक चीते की कीमत क्या होती है। इस मामले में काफी खोजबीन की गयी और इसके बाद यह जानकारी आई कि चीते के शावक की कीमत 3 से 16 लाख रुपये तक होती है। यह इसकी औसत कीमत है। गौरतलब है कि एक समय भारत में चीते हुआ करते थे। मगर फिर आखिरी बार 1947 में एक चीता देखा गया था। फिर भारत में चीते खत्म हो गए और 1952 में चीते को भारत में लुप्त घोषित हो गए।
रखरखाव पर कितना आता है खर्च
एक बार फिर से चीतों को भारत में बसाने की कोशिश की जा रही है। इसी की शुरुआत के लिए नामीबिया से भारत में 8 चीते लाए गये हैं। अब बात करते हैं कि चीते के मेंटेनेंस यानी रखरखाव या पालन-पोषण की। एक रिसर्च बताती है कि एक चीते के लालन-पालन में 1 से 14 लाख रु का खर्च आ सकता है।
चीते की खुराक
चीते को अपना सबसे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए खान-पान को बेहतर बनाए रखना होता है। इसीलिए चीते को 3 से 6 किलोग्राम मांस चाहिए होता है। चीता सबसे फुर्तीला जानवर माना जाता है। इसकी दौड़ने की रफ्तार 96 किमी प्रति घंटा होती है, जो 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है। मगर इतनी रफ्तार तभी संभव है जब चीता आहार ठीक से ले और उसे मैंटेन रखे। इसे आवश्यक मात्रा में मांस प्रदान किया जाना जरूरी है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का मानना है कि एक चीते को सही से एक्टिव रहने के लिए पर्याप्त प्रोटीन की आवश्यकता होती है। अब पर्याप्त प्रोटीन की आवश्यकता पूरा करने के लिए चीते को रोजाना 3 से 6 किलो मांस खाना जरूरी है।
चीते में होती है एक कमी
हालांकि चीते में एक कमी भी होती है। बताया जाता है कि शिकार करने की बात आती है तो चीता कई अन्य जानवरों की तुलना में धीमा पड़ जाता है। वे दस प्रयासों में से केवल चार में ही सफल हो पाता है। असल में चीता केवल एक मिनट तक ही तेज दौड़ सकता है। इसके बाद उसके शरीर के तापमान में काफी बढ़ोतरी हो जाती है जिससे उसके लिए अपनी गति को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। वापस भारत में चीतों की संख्या पर आते हैं। बताया गया है कि अगले 5 साल में चीतों की संख्या बढ़ेगी। किसी भी जगह को चीतों के लिए अधिक आरामदायक बनाने के लिए वहां उनकी संख्या 20-24 के बीच बेहतर मानी जाती है।