ETF और Mutual Fund में कई अंतर हैं, लागत, टैक्स बेनेफिट सहित सबके बारे में जानें
नई दिल्ली, सितंबर 26। जिंदगी को सफलता पूर्वक जिने के लिए निवेश से पैसा बनाना बहुत जरूरी है। निवेश भविष्य को सुरक्षित करने का एक निश्चित विकल्प है, निवेश की गई राशि आपकों तब सुकून देगी जब एक सयम के बाद आप पैसे कमाने की स्थिति में नहीं रहेंगे।। आज के समय में निवेश के अनेकों विकल्प मौजूद है। एलआईसी, पीपीएफ, फिक्स्ड डिपॉजिट्स जैसे निवेश विकल्पों के अलावा भी कई साने नए निवेश के साधन आ गए हैं।
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शेयर बाजार में निवेश को पसंद कर रही है युवा आबादी
आज के सयम में शेयर बाज़ार में निवेश करने को लेकर युवा खासा उत्सुक दिख रहे हैं। युवा शेयर बाज़ार में निवेश से रिटर्न की संभावना ज्यादा देख रहे हैं। लेकिन शेयर मार्केट में निवेश जोखिमों के अधिन होता है। निवेश के सुरक्षित विकल्प भी मौजूद है, म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड, ईटीएफ आदि उपलब्ध हैं, चलिए इन्हें विस्तार से समझते हैं।
ईटीएफ क्या होता है
ईटीएफ का पूरा नाम है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड। यह कुछ इस प्रकार का निवेश विकल्प होता है, जिसमें एक ही फंड के तहत कई सिक्योरिटीज़ में निवेश करने मौका मिलता है। ईटीएफ कई सिक्योरिटीज़ का एक पूल है, कई सिक्योरिटीज में एक साथ निवेश करने की वजह से इसमें जोखिम कम होता है।
म्यूचुअल फंड को समझते हैं
म्यूचुअल फंड एक बेहद पॉपुलप निवेश साधन है। एमएफ सिक्योरिटीज़, डेट, बांड्स और कई अन्य तरह के एसेट्स का एक पूल है। म्यूचुअल फंड में एसेट मैनेजमेंट कंपनी की मदद से निवेश किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड निवेश में जोखिमों के हिसाब से एक बेहतर विकल्प है।
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में क्या है सामानताएं
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में अंतर होता है। यह दोनों निवेश विकल्प अलग अलग सिक्योरिटीज़ का पूल हैं। सामान्य तौर पर यह दोनों विकल्प निवेश के अलग प्रोडक्ट हैं, लेकिन इनमें ढ़ेर सारी समानताएं भी हैं चलिए इन्हे समझते हैं।
डायवर्सिफिकेशन में है समानता
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए पैसे को कई सिक्योरिटीज़ या एसेट्स में अलग-अलग निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड और ईटीएफ का निवेश विकल्प चुनने का तरीका थोड़ा अलग होता है।
प्रोफेशनल एसेट मैनेजमेंट
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में एक समानता यह है कि दोनों प्रोफेशनल रूप से प्रबंधित एसेट्स हैं। ईटीएफ पैसिव एसेट है इसलिए इसे फंड मैनेजर की टीम की आवश्यकता नहीं पड़ती है। म्यूचुअल फंड एक्टिव फंड होते हैं, इसे मैनेज करने की फंड मैनेजर के टीम की आवश्यकता पड़ती है।
दोनों में जोखिम होता है कम
ईटीएफ और म्यूचुअल फंड एक डाइवर्सिफाइड निवेश साधन है इनमें निवेश किए गए पैसों को कई तरह के एसेट्स में निवेश किया जाता है। इसका फायदा यह होता है कि अगर इसमें एक एसेट सिक्योरिटी खराब प्रदर्शन करती है तो दूसरी अच्छी कर सकती है। इससे पैसे डूबने का चांस कम रहता है।
क्या होता है दोनों के बीच अंतर
अभी हमने समझा कि ईटीएफ और म्यूचुअल फंड में बहुत सारी समानताएं हैं। चलिए इनके अंतर को समझते हैं।
लागत
ईटीएफ में निवेश में मैनेजमेंट की लागत काफी कम है। क्योंकि इसमें निवेश एक्टिव फंड के अंतरगर्त नहीं आता हैं। इसलिए म्यूचुअल फंड की तुलना में ईटीएफ में लागत कम आती है।
टैक्स में छूट
ईटीएफ में उसके इन्वेस्टमेंट कैटेगरी के हिसाब से लंबी या कम अवधि के कैपिटल गेन पर ब्याज दर निर्धारित किया जाता है।
पोर्टफोलियों को मैनेज करना
ईटीएफ पैसिव फंड्स हैं इसमें पोर्टफोलियों मैनेजमेंट की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन म्यूचुअल फंड में निवेश को फंड मैनेजर लागातर मॉनिटर करते रहते हैं।
ट्रेडिंग
ईटीएफ का बाज़ार में सीधा शेयर मार्केट टाइम के दौरान ट्रेडिंग किया जा सकता है। इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग का भी विकल्प होता है। म्युचुअल फंड्स में यह सुविधा नहीं होती है।
रिटर्न
जैसा की हमने उपर बात की थी कि ईटीएफ केवल अपने इंडेक्स को ही ट्रैक करता है जिससे रिटर्न इंडेक्स से मिलते जुलते रहें। बात म्युचुअल फंड की करे तो यह बाज़ार की स्टडी और रिसर्च के आधार पर बारीकी से चुने गए फंड हैं, इसमें निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिनले का चांस रहता है।