राशन की तरह पेट्रोल-डीजल बांटने की आ गयी नौबत, जानिए क्यों
नई दिल्ली, जुलाई 18। श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की बचत करने के लिए सरकार ने स्कूल और कॉलेज पहले से बंद कर दिए हैं। वहीं सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह दिया है। हाल में श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने संकट में मदद करने के लिए भारत की तारीफ की है। श्रीलंका का राजनीतिक संकट भले संभलता दिख रहा हो, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर उसकी चुनौतियां बरकरार हैं। श्रीलंका में खाने-पीने की सामानों की कमी बनी हुई है, पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल-डीजल लेने के लिए लोग लंबी-लंबी लाइनें लगा रहे है। ऐसे में श्रीलंका में पेट्रोल-डीजल की आवश्यक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए श्रीलंका सरकार ने 'नेशनल फ्यूल कोटा स्कीम' तैयार किया है।
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राशन की तरह बिकेगा पेट्रोल
श्रीलंका सरकार 'नेशनल फ्यूल कोटा स्कीम' के तहत एक गाड़ी के लिए सप्ताह में एक निश्चित लिमिट में पेट्रोल या डीजल आवंटित करेगी। पेट्रोल या डीजल लोगों को नेशनल आईडी कार्ड के आधार पर जारी किया जाएगा। एक बार लोगों की गाड़ी का चेसिस नंबर और अन्य जानकारी वेरिफाई हो जाएंगी तो उन्हें एक क्यू आर कोड दे दिया जाएगा। गाड़ियों के आखिरी नंबर (ओड-इवन) के आधार पर लोगों को सप्ताह में दो दिन पेट्रोल या डीजल का आवंटन किया जाएगा।
जमाखोरी को रोकने का प्रयास
आर्थिक संकट के बीच श्रीलंका में लोग जमाखोरी ना करने लगें, श्रीलंका की सरकार के लिए यह भी चिंता का विषय है। ऐसे में 'नेशनल फ्यूल कोटा स्कीम' को लाने का एक मकसद जहां इंधन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
सरकार ने स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए हैं
पेट्रोल-डीजल की बचत के लिए श्रीलंका सरकार ने सभी स्कूल और कॉलेज पहले से बंद कर दिए हैं। वहीं सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कह दिया गया है। हाल में श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने भारत की तारीफ की है। उनका कहना है कि भारत ही एकमात्र देश है, जिसने इस संकट में श्रीलंका की कई बार मदद की।