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मछुआरे को मिली कमाल की मछली, रातोंबात बना करोड़पति

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नई दिल्ली, सितंबर 4। आपने मछली पकड़ते समय खजाना मिलने की कहानियां सुनी होंगी। अब कुछ ऐसा ही हकीकत में हुआ है। महाराष्ट्र के पालघर के एक मछुआरे को कुछ खास मछलियां मिली हैं। ये मछुआरा है चंद्रकांत तारे जिसे ऐसी मछलियां मिली हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रु में है। तारे को 157 घोल मछलियां मिली हैं। इनकी कीमत 1.33 करोड़ रुपये है। जी हां इस 'सी गोल्ड' मिलने से तारे की किस्मत रातोंरात बदल गयी है। जानते हैं पूरी कहानी।

दुर्लभ मछली लगी हाथ और 72 लाख रु का मालिक बन गया मछुआरादुर्लभ मछली लगी हाथ और 72 लाख रु का मालिक बन गया मछुआरा

एक बार में पकड़ी इतनी मछलियां

एक बार में पकड़ी इतनी मछलियां

'सी गोल्ड' पकड़ कर करोड़पति बनने की तारे की कहानी ने लोगों को हैरान कर दिया है। समुद्र में मछली पकड़ने पर मानसून प्रतिबंध हटने के बाद चंद्रकांत तारे ने मछली पकड़ना फिर से शुरू कर दिया। भाग्य तारे के पक्ष में था क्योंकि उसने दो महीने के लंबे मानसून प्रतिबंध के 15 अगस्त को समाप्त होने पर 10 अन्य लोगों के साथ अपने ट्रॉलर 'हरबादेवी' से मछली पकड़ना फिर से शुरू किया। सामान्य दिनों के उलट इस दिन उन्हें एक बार में 157 घोल मछलियाँ मिलीं।

बोट क्रू हो गया हैरान

बोट क्रू हो गया हैरान

इस घटना ने बोट क्रू को आश्चर्यचकित कर दिया क्योंकि यह काफी दुर्लभ अनुभव था, जहां उन्हें एक बार में इतनी महंगी मछली मिली। घोल मछलियों को चंद्रकांत तारे के बेटे सोमनाथ ने 1.33 करोड़ रुपये में नीलाम किया। इस डील के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया गया है। लेकिन सवाल यह है कि घोल मछली में ऐसा क्या खास है? यह आपको जानने की जरूरत है।

जानिए घोल मछली की डिटेल

जानिए घोल मछली की डिटेल

घोल मछली एक प्रकार की क्रोकर मछली होती है, जिसे जैविक रूप से 'प्रोटोनीबिया डायकैंथस' के नाम से जाना जाता है। हालांकि, पर्यावरण में प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने इन मछलियों को दुर्लभ बना दिया है। इस मछली को 'सी गोल्ड' क्या बनाता है? इसके पेट में एक थैली है, जिसमें शक्तिशाली औषधीय गुण हैं और विदेशी बाजार में इसकी कीमत बहुत अधिक होती है।

भारत-प्रशांत क्षेत्र में मिलती हैं

भारत-प्रशांत क्षेत्र में मिलती हैं

भारत-प्रशांत क्षेत्र में प्रमुख रूप से पाई जाने वाली घोल मछली दुनिया की सबसे महंगी समुद्री मछलियों में से एक है। असल में, प्रदूषण के स्तर ने इन मछलियों को किनारे से गहरे समुद्र में ट्रांसफर कर दिया है, लेकिन तारे के साथ जो हुआ वह एक दुर्लभ घटना थी। सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, हांगकांग और अन्य देशों में इस मछली की काफी मांग रहती है।

किस काम आती है

किस काम आती है

कहा जाता है कि घोल के मछली के पंखों का औषधीय महत्व है और फार्मा कंपनियों द्वारा इनका इस्तेमाल घुलनशील टांके बनाने के लिए उपयोग किया जाता है। जबकि इसका ब्लैडर गुर्दे की पथरी को ठीक करता है। हाल के वर्षों में बड़े पैमाने पर समुद्री प्रदूषण के कारण तटीय क्षेत्रों के आसपास इस मछली की आबादी में बड़ी गिरावट आई है। मछुआरों को कभी कभार ही एक या दो 'घोल' मिलती हैं। एक बार एक मछुआरे ने अपने जाल में लगभग एक दर्जन इन मछलियों को पकडा था। लेकिन, एक ही बार में इतनी बड़ी मात्रा (157) को काफी हैरानी से देखा जा रहा है। तारे और उनके दल ने 'घोल' को पकड़ने पर काफी खुशी मनाई।

English summary

The fisherman got amazing fish became a millionaire overnight

The story of the star becoming a millionaire by holding 'Sea Gold' has surprised people. Chandrakant Tare resumed fishing after the monsoon ban on fishing in the sea was lifted.
Story first published: Saturday, September 4, 2021, 15:05 [IST]
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