कोरोना संकट के बीच इस बड़ी कंपनी ने किया 40,000 फ्रेशर्स की नौकरी का ऐलान
भारत में कोरोना के कारण ज्यादातर कंपनियां छंटनी और सैलरी में कटौती कर रही हैं। इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है।
नई दिल्ली: भारत में कोरोना के कारण ज्यादातर कंपनियां छंटनी और सैलरी में कटौती कर रही हैं। इसी बीच एक अच्छी खबर सामने आई है। टाटा ग्रुप की आईटी कंपनी टीसीएस बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी लेकर आई है। कोविड-19 की महामारी के बीच भी रोजगार के र्मोचे पर अच्छी खबर है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) पिछले वर्ष तरह इस बार भी कैंपस से 40 हजार भर्तियां करेगी। ये जानकारी कंपनी के ईवीपी और ग्लोबल एचआर हेड मिलिंद लक्कड़ ने सोमवार को दी।
टीसीएस के ईवीपी और ग्लोबल हेड ह्यूमन रिसोर्सेज मिलिंद लक्कड़ के मुताबिक, कंपनी जल्द ही फ्रेशर्स युवाओं से संपर्क में हैं। कोरोना की वजह से उनके शैक्षिक वर्ष में देरी होने की वजह से अब तक उनकी ज्वाइनिंग नहीं हो पाई है। इसमें देरी हो रही है। दरअसल, टीसीएस के सीईओ राजेश गोपीनाथन ने बताया कि टीसीएस अभी लेटरल हायरिंग को खोल रही है। हालांकि अभी ये साफ नहीं किया गया है कि हायरिंग किस क्षेत्र में होगी।
टीसीएस में हर साल मार्च में होती है हायरिंग
टीसीएस हर साल मार्च में हायरिंग करता है, लेकिन इस बार कोरोना काल के चलते मार्च में लेटरल हायरिंग को फ्रीज कर दिया था। जिसे कंपनी जुलाई के दूसरे हफ्ते से शुरू कर सकती है। इसके साथ ही अमेरिका सहित दूसरे देशों में नई भर्तियां भी शुरु की जायेंगी। हालांकि कोविड के कहर की वजह से यह भर्तियां अभी कम मात्रा होंगी।
इन कंपनियों ने भी किया कैंपस प्लेसमेंट ऑफर
टीसीएस के अलावा अन्य आईटी कंपनियों कैपजेमिनी, विप्रो और कॉग्निजेंट ने भी पहले से जो कैंपस प्लेसमेंट ऑफर किए थे, उन्हें भर्ती करने का फैसला लिया है। हालांकि एक जॉब पोर्टल की स्टडी के मुताबिक देश भर में फीसदी कैंपसों में कोरोना वायरस के संकट के चलते प्लेसमेंट पर असर पड़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक 82 फीसदी कॉलेज ऐसे हैं, जहां 2020 में पास होने वाले छात्रों पर असर पड़ा है। इसके अलावा फाइनल ईयर में जाने वाले 74 पर्सेंट छात्र भी प्रभावित हुए हैं। सर्वे के मुताबिक ऐसे फ्रेश ग्रैजुएट्स जिन्हें नौकरी के ऑफर दिए गए थे, उनमें से 44 पर्सेंट की जॉइनिंग डेट्स को टाल दिया गया है। इसके अलावा 9 फीसदी छात्र ऐसे हैं, जिनके ऑफर्स को वापस ले लिया गया। वहीं 33 फीसदी छात्रोंका कहना है कि नियोक्ता उनके जॉब ऑफर्स को लेकर कोई जवाब ही नहीं दे रहे हैं।
विप्रो ने किया बड़ा एलान, फिलहाल छंटनी करने की कोई योजना नहीं
वहीं दूसरी तरफ देश की बड़ी आईटी कंपनी विप्रो लिमिटेड के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद एक भी कर्मचारी को नहीं निकाला है। विप्रो चेयरमैन ने यह बात सोमवार को कंपनी के 74वें वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कही। बता दें कि रिशद प्रेमजी ने कहा कि इसके अलावा फिलहाल हमारे पास किसी को नौकरी से निकालने की कोई योजना नहीं है। हालांकि, विप्रो ने निवेशकों के सवालों को संबोधित करते हुए कहा, चुनौतीपूर्ण समय में विभिन्न परिचालन साधनों के माध्यम से लागत में कटौती जारी है। मालूम हो कि वर्तमान में, विप्रो के 95% से अधिक कर्मचारी घर से काम कर रहे हैं और भविष्य में एक हाइब्रिड मॉडल होने की उम्मीद है। प्रेमजी ने कहा, हम घर से काम और कार्यालय से काम के बीच एक संतुलन के लिए कदम हो सकता है। यह मॉडल अगले 12-18 महीनों में विकसित होगा।
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