सायरस मिस्त्री-टाटा संस विवाद में टीसीएस पहुँची सुप्रीम कोर्ट
नयी दिल्ली। टाटा समूह की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज या टीसीएस ने एनसीएलएटी यानी नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है, जिसमें साइरस मिस्त्री को कंपनी का निदेशक बनाया गया था। टाटा संस और उसके संरक्षक रतन टाटा द्वारा एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ अपील दायर करने के कुछ ही समय बाद दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। टीसीएस ने एक कानूनी राय के आधार पर भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की, जिसमें कहा गया है कि एनसीएलएटी के फैसले को दरकिनार कर दिया जाये और फैसले के लागू होने पर अंतरिम रोक लगाई जाए। 18 दिसंबर 2019 को एनसीएलएटी ने एनसीएलटी के फैसले को पलटते हुए मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने का आदेश दिया था। फैसले में एन चंद्रशेखरन की नियुक्ति को कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अवैध करार दिया गया था।
2012 में मिस्त्री ने संभाली थी टाटा संस की कमान
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सायरस मिस्त्री टाटा संस के छठे चेयरमैन थे। रतन टाटा के 2012 में रिटायर होने पर सायरस मिस्त्री टाटा संस के चेयरमैन बने थे। मगर टाटा संस के बोर्ड ने मिस्त्री को अक्टूबर 2016 में चेयरमैन पद से हटा दिया था। दो महीने बाद मिस्त्री ने टाटा संस के इस फैसले को एनसीएलटी की मुंबई बेंच में चुनौती दी थी। मिस्त्री की तरफ से उनके परिवार की दो निवेश ने एनसीएलटी में याचिका दायर की थी। इन कंपनियों में सायरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प शामिल हैं। मगर एनसीएलटी ने जुलाई 2018 में मिस्त्री के दावे को रद्द कर दिया था।
टाटा संस-सायरस मिस्त्री घटनाक्रम :
24 अक्टूबर 2016 : टाटा संस ने सायरस मिस्त्री को चेयरमैन पद से बर्खास्त कर दिया था। उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया।
25 अक्टूबर 2016 : मिस्त्री ने टाटा संस के बोर्ड को पत्र लिख कर टाटा के ट्रस्टी द्वारा क्षद्म नियंत्रण का लगाया आरोप।
19 दिसंबर 2016 : मिस्त्री ने टाटा समूह की सभी कंपनियों के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया।
20 दिसंबर 2016 : मिस्त्री ने एनसीएलटी में याचिका दाखिल कर अल्पमत शेयरधारकों के दमन और कुप्रबंधन का आरोप लगाया।
12 जनवरी 2017 : टाटा संस ने एन चंद्रशेखरन को चेयरमैन नियुक्त कर दिया।
6 फरवरी 2017 : मिस्त्री को टाटा संस के बोर्ड से भी निदेशक पद से हटाया गया।
21 सितंबर 2017 : टाटा संस के बोर्ड ने प्राइवेट कंपनी बनने की योजना को हरी झंडी दिखायी।
12 जून 2018 : एनसीएलटी ने फैसले के लिए 4 जुलाई की तिथि तय की।
4 जुलाई 2018 : एनसीएलटी ने फैसले की तिथि को बढ़ाकर 9 जुलाई किया।
9 जुलाई 2018 : एनसीएलटी ने मिस्त्री की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने टाटा संस के चेयरमैन पद से बर्खास्त किए जाने को चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने कहा कि मिस्त्री को बोर्ड से इसलिए हटाया गया, क्योंकि बोर्ड और उसके सदस्यों का उन पर से विश्वास खत्म हो गया था।
18 दिसंबर 2019 : एनसीएलएटी ने टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में साइरस मिस्त्री को एक बार फिर नियुक्त करने का आदेश दिया।
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