Tata Steel : कर्मचारी बेटे, बेटी और दामाद को कर सकेंगे नौकरी ट्रांसफर, फायदे का है नियम
नई दिल्ली, अक्टूबर 24। टाटा स्टील अपने कर्मचारियों के लिए एक नया नियम लेकर आई है, जो उनके और उनके परिवार के लोगों के काफी फायदेमंद हो सकता है। टाटा स्टील के कर्मचारी अब एक निश्चित अवधि के लिए कंपनी में सर्विस देने के बाद अपने बच्चों और आश्रितों को नौकरी ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके लिए कंपनी 'जॉब फॉर जॉब' स्कीम लेकर आई है। कंपनी समय से पहले रिटायरमेंट लेने वालों को आकर्षक बेनेफिट देने के लिए ईएसएस अर्ली सेपरेशन स्कीम की एक योजना भी शुरू कर रही है। इन दोनों योजनाओं को मिलाकर कंपनी ने इसे 'गोल्डन फ्यूचर प्लान' नाम दिया है और इसे 1 नवंबर से लागू किया जाएगा।
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दोनों योजनाओं का एक साथ लाभ
कंपनी के कर्मचारी भी एक साथ दोनों योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं। कंपनी इसके लिए कर्मचारियों के बीच सर्कुलर जारी कर रही है। जॉब फॉर जॉब योजना के तहत, कर्मचारी अपने बेटे, बेटी, दामाद या किसी और को आश्रित को नॉमिनी बना कर अपनी नौकरी ट्रांसफर कर सकेंगे। मगर ध्यान रहे कि आश्रित की बहाली पहले एक ट्रेनी के रूप में होगी।
ट्रेनिंग के बाद मिलेगी नौकरी
ट्रेनिंग के बाद उन्हें परीक्षा देनी होगी। तभी उनकी नौकरी स्थायी होगी। एक आश्रित, जो परीक्षा में पास नहीं हो पाता है उसे नौकरी से बर्खास्त किया जा सकता है। इस समय कंपनी के बहुत से कर्मचारी 52 साल से अधिक उम्र के हैं। जॉब फॉर जॉब योजना के तहत, आश्रित को अपनी नौकरी ट्रांसफर करने के लिए न्यूनतम आयु 52 वर्ष अनिवार्य होगी।
ईएसएस स्कीम की डिटेल
जबकि अर्ली सेपरेशन स्कीम का मतलब है कि ईएसएस कम से कम 45 वर्ष की आयु के कर्मचारियों को लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाएगी। ईएसएस लेने वाले कर्मचारियों को बेसिक-डीए राशि, मेडिकल सुविधाएं और क्वार्टर रिटायरमेंट की आयु तक, ईएसएस लेने के बाद छह साल तक या 58 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले की अवधि हो, प्राप्त होती रहेगी।
हजारों लोगों को मिलेंगे बेनेफिट
वे सभी कर्मचारी जिन्होंने 40 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है, वे ईएसएस का लाभ ले सकेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार टाटा स्टील में करीब 5,500 कर्मचारी ऐसे हैं जिनकी उम्र 40 साल से ऊपर है। 52 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारी जॉब फॉर जॉब का लाभ उठा सकेंगे। ऐसे लगभग 3,500 कर्मचारी इस समय कंपनी में काम कर रहे हैं।
ट्रेड अप्रेंटिस का स्टाइपेंड बढ़ेगा
कंपनी की बैठक में वर्ष 2018 बैच के 319 ट्रेड अप्रेंटिस का स्टाइपेंड 7000 रुपये से बढ़ा कर 15000 रुपये प्रति माह करने का भी फैसला लिया गया है। वर्ष 2018 बैच के ट्रेड अप्रेंटिस की एनसीवीटी परीक्षा कोविड के कारण स्थगित कर दी गई थी। कंपनी प्रबंधन और यूनियन के बीच हुए समझौते के अनुसार कर्मचारियों को बढ़ाए गए मेहनताने का बकाया भी एक जुलाई 2021 से मिलेगा। आपको बता दें कि टाटा स्टील लिमिटेड एक भारतीय बहुराष्ट्रीय स्टील बनाने वाली कंपनी है जो जमशेदपुर, झारखंड में स्थित है और इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है। यह टाटा समूह की सहायक कंपनी है। पहले इसे टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी लिमिटेड (टिस्को) के नाम से जाना जाता था। टाटा स्टील 34 मिलियन टन प्रति वर्ष की वार्षिक कच्चे स्टील की क्षमता के साथ दुनिया की शीर्ष स्टील उत्पादक कंपनियों में से एक है।