टाटा की हुई एअर इंडिया, रतन टाटा ने अनोखे अंदाज से स्वागत
नई दिल्ली, अक्टूबर 8। आखिर एअर इंडिया टाटा ग्रुप की हो ही गई। टाटा ग्रुप ने एअर इंडिया के लिए सबसे ज्यादा 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इसके बाद एअर इंडिया टाटा ग्रुप की हो गई है। ध्यान रहे कि एअर इंडिया की स्थापना टाटा ग्रुप ने ही की थी, लेकिन बाद में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था। यही कारण है कि आज जब टाटा ग्रुप की सबसे ऊंची होने के बाद एअर खरीदने पर अंतिम मुहर लगी तो रतन टाटा अपनी खुशी व्यक्त करने से रोक नहीं सके। रतन टाटा ने आज एक ट्वीट कर वेलकम बैक, एयर इंडिया। इसके साथ ही रतन टाटा ने एक तस्वीर भी शेयर की है। इसमें एअर इंडिया की एक पुरानी तस्वीर है।
5 लाख रु तक की Car ऐसे खरीदें, नहीं पड़ेगा ज्यादा बोझ
सरकार ने दी इस बात की जानकारी
एअर इंडिया के टाटा ग्रुप को बेचने की जानकारी आज सरकार ने खुद दी है। मीडिया से बात करते हुए डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट के सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि टाटा संस की कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर एअर इंडिया को खरीद लिया है। तुहिन कांत पांडे के अनुसार यह डील दिसंबर 2021 तक पूरी हो सकती है।
इन शर्त पर मिलेगी टाटा ग्रुप को एअर इंडिया
सरकार की शर्तों के अनुसार सफल खरीददार को एअर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत मालिकाना हक मिलेगा। इसके अलावा एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी दी जाएगी। विनिवेश नियमों के मुताबिक टाटा को एअर इंडिया के घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लैंडिंग की मंजूरी भी पाएगा।
ये है एअर इंडिया की वापसी तक की कहानी
आज से करीब 70 साल पहले टाटा ग्रुप ने एअर इंडिया की स्थापना की थी। जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में टाटा एयरलाइन के नाम से इसे शुरू किया था। हालांकि, राष्ट्रीयकरण के बाद 1953 में इसका नाम एअर इंडिया कर दिया गया। हालांकि सरकार से इसे चला नहीं पाई और करीब 70 साल से बेच दिया। और जो खरीदार मिला वह इसका पहला मालिक ही निकला यानी टाटा ग्रुप ही।