SVAMITVA योजना : पीएम मोदी ने बांटे प्रॉपर्टी कार्ड्स, जानिए क्या है स्कीम
नयी दिल्ली। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार प्रौद्योगिकी के साथ गांवों और मानचित्रण का सर्वेक्षण) योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड आवंटित किए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित हुए प्रोग्राम में स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड्स बांटने की शुरुआत की गयी। आज से इन कार्ड्स का फिजिकल डिस्ट्रिब्यूशन शुरू हो गया है। पीएम मोदी ने इस खास मौके पर जोर देकर कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने के लिए एक "ऐतिहासिक कदम" है। गौरतलब है कि 6 स्वामित्व योजना के तहत पीएम मोदी ने 6 राज्यों के 763 गांवों के 1 लाख लोगों को उनके घरों के लिए प्रॉपर्टी कार्ड सौंपा। आइए जानते हैं क्या है ये स्कीम और पीएम मोदी ने इसके बारे में क्या जानकारी दी।
प्रॉपर्टी पर मिल सकेगा लोन
पीएम मोदी ने बताया कि इस से ग्रामीण लोग अपनी प्रॉपर्टी को फाइनेंशियल एसेट के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे, जिससे वे इस पर लोन और दूसरे फाइनेंशियल लाभ ले सकेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा है कि इस लॉन्च से लगभग एक लाख प्रॉपर्टी धारक उनके मोबाइल फोन पर भेजे गए एसएमएस लिंक के माध्यम से अपना प्रॉपर्टी कार्ड डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उन्हें संपत्ति कार्ड की फिजिकल कॉपी मिलेगी।
किस राज्य के कितने गांव शामिल
763 गांवों के लोगों को इस योजना का फायदा मिला है। इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं। पीएम मोदी ने इस योजना के कई लाभार्थियों से बात भी की। एक बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र को छोड़कर बाकी सभी राज्यों के लाभार्थियों को एक दिन के भीतर अपने संपत्ति कार्ड की फिजिकल कॉपी मिल जाएगी। महाराष्ट्र में प्रॉपर्टी कार्ड की मामूली लागत वसूलने का सिस्टम है, इसलिए इसमें एक महीने का समय लगेगा।
क्या है स्वामित्व योजना
पीएम मोदी ने अप्रैल में स्वामित्व योजना लॉन्च की थी। इस योजना के तहत गांवों में ड्रोन के जरिए संपत्तियों की मैपिंग की जाएगी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय संपत्तियों को मापने और दस्तावेज देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। ड्रोन से संपत्ति की मैपिंग के बाद लोगों को उनसकी संपत्ति का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। मैपिंग के लिए ड्रोन की सहायता ली जाएगी। हर गाँव की सीमा के अंदर आने वाली संपत्तियों की डिटेल इकट्ठी की जाएगी। बाद में लोगों को उनकी संपत्ति के अधिकार से संबंधित दस्तावेज दिए जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को फाएदा मिलेगा।
क्या होगा फायदा
इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आधुनिक तकनीक का उपयोग करके जमीनों के मालिकाना अधिकार का रिकॉर्ड तैयार होगा। असल में लोगों के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक को को साबित करने वाले कागजात नहीं थे। अब उन्हें सरकार की तरफ से जरूरी कागज मिलेंगे। इससे ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के अधिकार के निपटान में मदद मिलेगी और संपत्तियों पर संघर्ष कम होगा। बता दें कि योजना के लिए केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण, पंचायती राज विभागों और विभिन्न राज्यों के राजस्व विभागों के बीच मिल कर काम किया जाएगा। योजना का सबसे बड़ा लाभ होगा कि लोग अपनी जमीन का फाइनेंशियल तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। इनमें बैंकों से मिलने वाली सुविधाएं शामिल हैं।
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