Success Story : 1.5 लाख रु से बनाई 20 करोड़ रु की कंपनी, ये है बिजनेस
Success Story : आज हम आपको जिस व्यक्ति की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं उन्होंने वर्ष 2002 में केवल डेढ़ लाख रुपए से अपने बिजनेस की शुरुआत की थी और आज उनकी कंपनी 20 करोड़ रु से भी अधिक की बन चुकी हैं। हम जिस व्यक्ति की बात कर रहे हैं उनका नाम महेश श्रीवास्तव हैं। महेश की कम्पनी टेक्नो ट्रांसफरमर्स पावर ट्रांसफॉर्मर, एलटी एंड एचटी कंट्रोल पैनल, इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर, सर्वो स्टेबलाइजर, ऑटोमेटिक वोल्टेज रेगुलेटर बनाती है। चलिए जानते हैं इनके बारे में।
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नौकरी छोड़ने के बाद बनारस में टेक्नो ट्रांसफार्मर की स्थापना की
वर्ष 1990 से 2002 तक महेश ने ट्रांसफार्मर इंडस्ट्रीज में नौकरी की। उन्होंने लखनऊ से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। डिप्लोमा करने के बाद महेश ने नौकरी छोड़ने के बाद बनारस में टेक्नो ट्रांसफार्मर की स्थापना की थी। टेक्नो ट्रांसफार्मर उत्तरप्रदेश सरकार की बिजली वितरण कंपनी यूपीपीसीएल के साथ काम करती हैं। कंपनी की सेवाओं में कई सारे काम शामिल हैं। जैसे साइट सर्विसिंग, ट्रांसफार्मर की रिपेयरिंग और ट्रांसफरमर ऑयल आदि की सप्लाई भी शामिल है। महेश की कम्पनी पावर ट्रांसफर, डिस्ट्रीब्यूशन और पावर ट्रांसफार्मर के हर तरह के जो यूनिट हैं। उन यूनिट का मेंटेनेंस करती है। महेश की जो कम्पनी हैं। वो बिजली वितरण कंपनियों को ट्रांसफरमर और उससे संबंधित सर्विसेज की आपूर्ति करती है।
बिजनेस को डायवर्सिफाई करने की योजना
आमतौर पर जो लोग सरकारी बिजली विद्युत वितरण कंपनियों के साथ काम करते हैं उन लोगों को 3 से 6 महीने के समय में भुगतान किया जाता है। महेश यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के मिलकर काम कर रहे थे, जिसमें पिछले जो तीन वर्ष थे। उस अवधि में कोई भी आर्डर नहीं आया। जबकि अब जो भुगतान का जो साइकिल हैं। वो अब 1 से 1.5 वर्ष हो चुका हैं। महेश ने इसी कारण से बिजनेस को डायवर्सिफाई करने के प्लान के तहत दिल्ली एनसीआर में अपना प्लांट लगाया है।
यूपीपीसीएल ने नई खरीद का टेंडर 2019 के बाद जारी नहीं किया हैं
यूपीपीसीएल ने ट्रांसफरमर के मेंटेनेंस और नई खरीद का टेंडर वर्ष 2019 के बाद जारी नहीं किया हैं, यही कारण हैं। कि अब टेक्नो ट्रांसफार्मर ग्रेटर नोएडा में अपनी यूनिट को लगा रही है। महेश ने कहा कि कंपनी दिल्ली-एनसीआर में कर रही हैं। जिससे वो अब हरियाणा और दिल्ली के साथ पीवीवीएनएल और डीवीवीएनएल के साथ काम की उम्मीद तलाशने में जुटी हैं।