Success Story : तैयार की 100 करोड़ रु की कंपनी, मोटिवेशन के लिए पढ़ें ये कहानी
Success Story : देश में जो मशीनें वर्ष 2011 तक इंपोर्ट की जा रही थी। उन मशीनों को फरीदाबाद की एक कम्पनी है। जिसने उसको देश में ही बनाना शुरू किया। जेवी इंजीनियर्स जो एक फरीदाबाद की कम्पनी है। उन्होंने अब इन मशीनों को एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया हैं। वर्ष 2002 से विश्वकर्मा इंजीनियरिंग वर्क्स की एक कंपनी थी। जिसने अपने काम को डायवर्सिफ़ाई करने के बाद जो व्यापार है। उसमें तेजी लाने में सफल रही।
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पहली बार कंपनी ने 2011 में मेटल बनाने की मशीन को बनाई
पहली बार जो सचिन पांचाल की कंपनी है। उस कंपनी ने वर्ष 2011 में मेटल बनाने की मशीन को बनाई। यही वजह है। कि जो जेवी इंजीनियरिंग एंड कन्वेयर्स प्राइवेट लिमिटेड है। आज अपने क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में शामिल हो गई है। विक्रम, सचिन पांचाल और लवलीन पांचाल तीन भाई इस कंपनी जेवी इंजीनियर्स में शामिल हैं। इसमें तीनों भाई ने संयुक्त रूप से मेहनत की और इसकी वजह से जो जेवी इंडस्ट्रीज है। आज के समय में 100 करोड़ रूपये का जो टर्नओवर है उसको छू चुका हैं।
वर्ष 2002 में पिता की कम्पनी का टर्न ओवर 25 लाख रु सालाना था
सचिन पांचाल ने वर्ष 2002 में अपने पिता की कंपनी जो ज्वाइन किया था। उस समय उसके पिता की कम्पनी का टर्नओवर वर्ष का 25 लाख रूपये था। उन्होंने अपनी स्नातक और एमबीए की पढ़ाई को पूरी किया। उसके बाद उन्होंने वर्ष 15 लाख रूपये के इन्वेस्टमेंट से इसके बाद जेवी इंजीनियरिंग एंड कनवेयर्स की स्थापना की। जो जेवी इंडस्ट्रीज हैं वो ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की आवश्यकता के लिए आयरन रॉड बनाती है। जिससे जो ऑटो इंड्रस्ट्रीज के अधिकतर पार्ट्स है वो बनते हैं।
कंपनी 100 करोड़ रूपये के टर्न ओवर को पार कर चुकी है
जो जेवी इंडस्ट्रीज कंपनी का कारोबार है। वो कुल 100 करोड़ रूपये से भी अधिक का कारोबार को पार कर गया है। फरीदाबाद के जो पांचाल बंधुओं की जेवी इंजीनियरिंग एंड कन्वेयर्स जैसी ब्राइट बार मशीन, कंबाइंड ड्राइंग मशीन, बार पीलिंग मशीन हैं। उसको बनाने वाली अग्रणी कंपनी हैं। दुनिया भर की कंपनियां है उसके साथ जेवी इंजीनियरिंग काम करती है।