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Success Story : MBA ग्रेजुएट ने छोड़ी जॉब, इस फल से कमा रहा 1 करोड़ रु

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नई दिल्ली, सितंबर 29। नैनीताल में जन्मे राजीव भास्कर रायपुर की एक बीज कंपनी में काम करते थे। वहां से जो अनुभव उन्हें मिला, उसने उन्हें एक सफल किसान और उद्यमी बनने में मदद की। मगर अहम बात यह है कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं सोचा था। वे लगभग चार वर्षों तक वीएनआर सीड्स कंपनी की सेल्स और मार्केटिंग टीम के हिस्से रहा। इस दौरान उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों के कई किसानों के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। इसी माध्यम से, उन्होंने कृषि के दायरे को सीखा और खेती करने के लिए प्रेरित हुए। फिर क्या था वे भी खेती में उतर गए। वे एक फल की खेती से अब 1 करोड़ रु कमा रहे हैं।

 

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खेती का नहीं था प्लान

खेती का नहीं था प्लान

उन्होंने कृषि में बीएससी की है। लेकिन जब तक राजीव ने वीएनआर सीड्स के साथ काम करना शुरू नहीं किया था, तब तक खेती को एक पेशे के रूप में लेने की राजीव की कोई योजना नहीं थी। उन्होंने उस दौरान डिस्टेंस एजुकेशन माध्यम से अपना एमबीए भी पूरा किया। लेकिन जैसे-जैसे राजीव ने बीजों और पौधों की बिक्री का काम किया, उन्हें कृषि में अधिक दिलचस्पी हो गई। आखिरकार उन्होंने इसी में आगे बढ़ने का फैसला किया।

अमरूद की थाई किस्म
 

अमरूद की थाई किस्म

राजीव ने अमरूद की थाई किस्म के बारे में जाना। उन्होंने उन किसानों से भी बातचीत की जिन्होंने उन्हें खेती सिखाई और उनका मार्गदर्शन किया। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, राजीव ने हरियाणा के पंचकुला में लीज पर ली गई पांच एकड़ जमीन पर थाई अमरूद उगाने के लिए 2017 में अपनी नौकरी छोड़ दी। वह इसे 'अवशेष मुक्त' (रेसिड्यू फ्री) खेती के नाम से पहचाने जाने वाले मेथड के जरिए किया।

1 करोड़ रु की कमाई

1 करोड़ रु की कमाई

आज, 30 वर्षीय कृषि उद्यमी राजीव का बिजनेस 25 एकड़ भूमि तक फैल गया है, जिस पर वह लगभग 12,000 पेड़ उगा रहे हैं। इससे उनकी प्रति एकड़ कमाई लगभग 6 लाख रुपये है। यानी कुल मिला कर 1 करोड़ रु।

नौकरी छोड़ने पर असमंजस

नौकरी छोड़ने पर असमंजस

राजीव का कहना है कि जब वह खेती करना चाहते थे, तो वह बीज कंपनी में एक सेट नौकरी छोड़ने को लेकर अनिश्चित थे। लेकिन 2017 में, एक थाई अमरूद किसान, जिसके साथ उन्होंने काम किया था, ने उन्हें पंचकुला में 5 एकड़ अमरूद का बाग देने की पेशकश की, क्योंकि वह इसकी अच्छी देखभाल नहीं कर पा रहा था। यह राजीव के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। उसी वर्ष, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और एक फुल टाइम किसान की भूमिका में आ गये।

अमरूद के पौधों की कटाई साल में दो बार

अमरूद के पौधों की कटाई साल में दो बार

अमरूद के पौधों की कटाई साल में दो बार की जाती है। एक बार बरसात के मौसम में और फिर सर्दियों के दौरान। लेकिन राजीव अन्य किस्मों और विक्रेताओं से प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए केवल बरसात के मौसम में ही कटाई करते हैं। उसके बाद वे पौधों को आराम करने देते हैं। वे अपनी सारी उपज दिल्ली एपीएमसी बाजार में 10 किलो के बक्से में बेचते हैं और एक सप्ताह के भीतर उन्हें भुगतान मिल जाता है। मौसम और क्वालिटी के आधार पर प्रति किलो की दर 40 रुपये से 100 रुपये के बीच होती है। उनके पास लगभग 14 कृषि श्रमिक हैं और वे प्रति एकड़ औसतन 6 लाख रुपये कमाते हैं।

English summary

Success Story MBA graduate left job earning Rs 1 crore from this fruit

He learned the scope of agriculture and was inspired to take up farming. Then what was it, they also got into farming. He is now earning Rs 1 crore from the cultivation of one fruit.
Story first published: Thursday, September 29, 2022, 17:55 [IST]
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