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Success Story : नौकरी नहीं मिली तो शुरू किया ये Business, लाखों में है कमाई

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Success story: बेरोजगारी की जो समस्या हैं। उससे लगभग पूरे देश के लोग जूझ रहे हैं, वहीं कुछ युवा लोग ऐसे हैं जिनको नौकरी नहीं मिल रही हैं, तो फिर वे बिजनेस कर रहें हैं और कुछ युवा नौकरी को छोड़ कर बिजनेस कर रहे हैं। इसी कड़ी में हम आपको दो युवकों की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं। जो बिहार के गया जिले में रहते हैं। जिन्हें नौकरी नहीं मिली तो फिर उन्होंने आत्मनिर्भर बनने का फैसला लिया और खुद का बिजनेस शुरू किया और कामयाबी भी हासिल की। उन्होंने मोती की खेती शुरू की और आज वे इस बिजनेस से लाखों रूपये की कमाई कर रहें हैं तो फिर चलिए जानते है। इनकी सफलता की कहानी।

 

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बदली किस्मत मोती की खेती से

बदली किस्मत मोती की खेती से

ये दो युवा जिनकी नौकरी तो नहीं लगी मगर उन्होंने खुद के बिजनेस कर लिया। वे आज सफल व्यक्ति हैं। आज हम आपको उनके आत्म निर्भर बनने की कहानी बताएंगे और आपको मोती की खेती की भी जानकारी देंगे। अजय मेहता बरेऊं गांव (मानपुर प्रखंड, गया) के रहने वाले हैं। वही उदय कुमार नैली गांव (सदर प्रखंड, गया) के रहने वाले हैं। ये लोग आज मोटी की खेती से लाखों रूपये की खेती कर रहे हैं। अजय जहां तालाब में मोती की खेती कर रहे हैं, तो वहीं उदय अपने घर में टैंक बनाकर फार्मिंग कर रहे हैं।

शुरुआत की थी 50 हजार रूपये से
 

शुरुआत की थी 50 हजार रूपये से

अजय मेहता ने मीडिया को बताया कि उन्होंने 2 हजार शिप खरीदा था। जिसकों खरीदने में उनको 50 हजार रूपये की लागत आई थी। उन्होंने कहा यदि आप हजारों रूपये की लागत लगा कर इस बिजनेस को शुरू करते हैं, तो फिर आप लाखों रूपये की कमाई कर सकते हैं। मोती की खेती करने का तरीका बेहद ही सरल हैं, इसे करने के लिए तालाब या टैंक का उपयोग किया जा सकता हैं। सीप को तालाब से 30 दिनों से 45 दिनों तक रखा जाता हैं, ताकि सीप विकसित होने की जो जरुरतें हैं वो पूरी हो सकें। इसको इसके बाद टैंक में भी रखा जाता हैं, या फिर तालाब में भी मोती को बनने के लिए रखा जाता हैं।

ली ट्रेनिंग मोती की खेती की

ली ट्रेनिंग मोती की खेती की

अजय ने बताया कि उन्होंने मोती की खेती सीखने के लिए दूसरे प्रदेश गए और वह से मोती की खेती की ट्रेनिंग लेने के बाद सीप पालन शुरू किया। उन्होंने इस बिजनेस की शुरुआत 2 हजार सीप से की। उन्होंने बताया कि सीप से मोती को तैयार होने में लगभग 1 वर्ष का वक्त लगता हैं। यदि आपके तालाब या टैंक की क्षमता अधिक हैं तो फिर सीप पालन की तादाद को बढ़ाया जा सकता हैं।

स्थानीय मार्केट होना चाहिए मोती के बिजनेस के लिए

जानकारों के अनुसार, 1 वर्ष में सीप से मोती तैयार हो जाती है। जितना अधिक सीप का पालन किसान करेंगे। उतना ही अधिक मुनाफा होने की उम्मीद हैं। सीप 1 वर्ष में तैयार तो हो जाती हैं। मगर इसके लिए लोकल मार्केट नहीं हैं। इसी कारण से इसको पास के मार्केट में बेचना मुश्किल हो जाता हैं। सीप से जब मोती तैयार हो जाती हैं तो फिर उसको दूसरे प्रदेशों में बेचा जाता हैं। यदि लोकल लेवल पर मोती को बेचने का बाजार होगा। तो मुनाफा अधिक होगा और इसके बिजनेस को और बढ़ावा मिलेगा।

English summary

Success Story If you do not get a job then started this business earning in lakhs

The problem of unemployment. People from almost the whole country are struggling with this, while there are some young people who are not getting jobs, then they are doing business. In this episode, we will tell you the success story of two youths.
Story first published: Friday, October 14, 2022, 11:35 [IST]
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