Success Story : नोटबंदी से मिला बिजनेस आइडिया, फिर खड़ी की 700 करोड़ रु की कंपनी
नई दिल्ली, सितंबर 13। जब से मोबाइल वॉलेट और दूसरे डिजिटल पेमेंट सिस्टम शुरू हुई है। लोग लगभग कैश साथ रखना भूल ही गए है। मोबाइल रिचार्ज हो या बिजली के बिल का भुगतान या फिर किराने का सामान और दूसरे लगभग बहुत सारे लेनदेन सभी मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करके किए जाते है। बिल्कुल इसी तरह की फोन पे मोबाइल एप्लीकेशन भी सुविधा प्रदान करता है। आज देश में फोन पे ने लाखों लोगों के जीवन को बेहद आसान बना दिया है। आज हम जिस व्यक्ति की सफलता की कहानी बताने जा रहे है। वो है फोन पे के फाउंडर समीर निगम की इनके एक आइडिया ने मार्केट को पूरी तरह से बदल कर रख दिया हैं। चलिए जानते है इनकी सफलता की कहानी।
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समीर निगम कौन हैं
फोनपे की स्थापना वर्ष 2015 में समीर निगम ने को थी और वर्तमान में समीर निगम इसके सीईओ के रूप में काम कर रहे है। फ्लिपकार्ट में इंजीनियरिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में भी समीर निगम ने कार्य किया हुआ है। वर्ष 2009 में समीर निगम ने अपनी पहली कंपनी माइम360 की शुरुवात की थी। इस कंपनी का काम सामग्री मालिको को सामग्री प्रदाताओं से जोड़ती होती थी।
समीर निगम की व्यावसायिक यात्रा ऐसी रही थी
सबसे पहले समीर शॉपजिल्ला में खोज उत्पाद विकास निदेशक रहे थे। माइम360 ऑनलाइन सोशल मीडिया वितरण मंच कंपनी थी। वर्ष 2009 में समीर ने इस कंपनी को स्थापित करी थी। जिसे फ्लिपकार्ट के द्वारा खरीदी जा चुकी थी। उसके बाद समीर ने अपना खुद मोबाइल वॉलेट ऐप फोन पे की शुरुवात वर्ष 2015 करी थी।
संस्थापक फोन पे के संस्थापक
अपने दो दोस्त राहुल चारी और बुर्जिन इंजीनियर की सहायता से उन्होंने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस पर आधारित एक ऑनलाइन पेमेंट भुगतान सॉफ्टवेयर बनाने की अवधारणा पेश करी थी। उसके बाद वर्ष 2016 में ये कंपनी आवेदन ऑनलाइन हो गई। ये कम्पनी इस व्यक्त 11 से भी अधिक इंडियन भाषाओं में यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं।
नेट वर्थ कितनी हैं समीर निगम की
17.7 करोड़ रु से भी अधिक की संपत्ति समीर निगम के पास हैं। देश में जब वर्ष 2016 के व्यक्त नोटबंदी हुई। उस समय लोगों के लिए फोन पे ने बहुत अधिक लाभदायक रहा था। लोगों के पास उस समय यूपीआई जैसा ऑप्शन बेहद ही कम था। उस व्यक्त लोगों ने दिन भर एटीएम और बैंक में बहुत अधिक लंबी लाइन लगाने से बेहतर यूपीआई ऐप्स का उपयोग करना बेहतर समझा था। जिसने फोन पे जैसे ऐप्स को एक लंबी ऊंचाई में ले जाने में बेहद ही सहायक साबित हुई।