Corporate और पर्सनल टैक्स कलेक्शन में जोरदार उछाल, सरकारी खजाने में आए लाखों करोड़ रु
नई दिल्ली, सितंबर 05। टैक्स कलेक्शन को लेकर कई अहम आंकड़े सामने आए हैं, जो ये बताते हैं कि अलग-अलग तरीके के टैक्स कलेक्शन से सरकारी खजाने में लाखों करोड़ रु आए हैं। बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 में कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन में 56.1 फीसदी की भारी बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं कस्टम ड्यूटी कलेक्शन में भी 48 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। आगे देखें बाकी अहम आंकड़े।
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राज्यों में कौन निकला आगे
वित्त वर्ष 2021-22 में केंद्रीय टैक्स में राज्यों का हिस्सा 41 फीसदी से घट कर 29-32 फीसदी रह गया। ऐसा 15वीं फाइनेंस कमीशन के सिफ़ारिशों के कारण हुआ। राज्यों के हिस्से पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश सर्वाधिक 17.9 फीसदी के साथ टॉप पर रहा। इसके बाद 10.5 फीसदी के बिहार दूसरे नंबर पर रहा। वहीं मात्र 0.38 फीसदी हिस्सेदारी के साथ गोवा सबसे निचले पायदान पर रहा।
टैक्स टू जीडीपी रेशियो बढ़ा
टैक्स टू जीडीपी रेशियो बढ़ कर कम से कम 23 सालों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। ये रेशियो 2021-22 में 11.7 फीसदी रहा। वहीं डायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेशियो 6.1 फीसदी और इनडायरेक्ट टैक्स टू जीडीपी रेशियो 5.6 फीसदी रहा। टैक्स उछाल (सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के सापेक्ष करों में वृद्धि) या टैक्सेशन में होने वाला उछाल 1.9 रहा, जिसे बहुत अच्छा माना जाता है।
प्रति व्यक्ति आय
प्रति व्यक्ति आय 2022 में 91481 रु पहुंच गयी, जो 1950 में 265 रु थी। वहीं ग्रोथ रेट 1950 में 3.5 फीसदी के मुकाबले 2022 में 8.7 फीसदी तक बढ़ गयी। 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ 8.7 फीसदी रही और भारत ने सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल किये रखा। भारत की नॉमिनल जीडीपी 2021-22 में 3.12 ट्रिलियन डॉलर आंकी गयी। जुलाई 2022 के आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 572.71 अरब डॉलर रहा।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गये। ये 14 लाख करोड़ रु के रहे, जो बजट अनुमान से 3 लाख करोड़ रु अधिक है। 2021-22 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 49 फीसदी की उछाल आई। वहीं इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 20 फीसदी बढ़े।