अजब-गजब : ट्रेफिक पुलिसकर्मी को पड़े मिले 45 लाख रु, पर उसने दिखाई ईमानदारी, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली, जुलाई 25। आज के समय में पैसों की जरूरत हर किसी को है। इसी जरूरत के कारण लोग अकसर गलत राह पर चल पड़ते हैं। गलती से किसी को कहीं कुछ पैसे मिल जाएं तो कोई नहीं छोड़ता। मगर अभी भी बहुत लोग हैं, जो ईमानदारी को पैसे से ज्यादा अहम मानते हैं। एक ऐसे ही व्यक्ति हैं नीलाम्बर सिन्हा। नीलाम्बर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ट्रेफिक पुलिसकर्मी हैं। उन्होंने हाल ही में एक ईमानदारी की मिसाल कायम की है। आगे जानिए पूरा मामला।
अजब-गजब : खोया हुआ तोता ढूंढा, इनाम के तौर पर मिली मोटी रकम
लौटा दिए 45 लाख रु
रायपुर में बीते शनिवार को ट्रैफिक पुलिसकर्मी नीलाम्बर सिन्हा ने 45 लाख रुपये से भरा हुआ एक बैग स्थानीय पुलिस थाने में जमा कर दिया। उन्होंने ये बैग पुलिस को सौंपकर ईमानदारी की एक मिसाल कायम कर दी है। डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर के मुताबिक ट्रैफिक कांस्टेबल नीलांबर सिन्हा नवा रायपुर में कायाबंध चौकी से जुड़े हुए हैं।
कहां मिला बैग
नीलाम्बर को सुबह माना थाना सीमा के तहत आने वाली सड़क के एक हिस्से में बैग मिला। अतिरिक्त एसपी के मुताबिक उन्होंने बैग की जांच की और उसमें नीलाम्बर को 2000 रु और 500 रु के नोट मिले, जो कुल 45 लाख रुपये थे। उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और बैग को सिविल लाइंस थाने में जमा करा दिया।
किया गया इनाम का ऐलान
अतिरिक्त एसपी ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने सिन्हा के लिए ईनाम की घोषणा की है। अधिकारी ने कहा कि सिविल लाइंस पुलिस ने नकदी के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोशल मीडिया पर आम लोगों सहित आईएएस और आईपीएस तक नीलाम्बर की ईमानदारी को सैल्यूट कर रहे हैं।
कैसे पता चला बैग के बारे में
नीलाम्बर जब सुबह रोड पर जा रहे थे तो एक व्यक्ति ने वहीं के 'राय पब्लिक स्कूल' के सामने सड़क पर पड़े एक लावारिस बैग के बारे में उन्हें बताया। जब वे वहां पहुंचे तो बैग एक ऑटो वाले के पास था, जो उसे खोलने की कोशिश कर रहा था। मगर नीलाम्बर को देखते ही वो भाग खड़ा हुआ।
करोड़ों का लॉटरी टिकट लौटाया
इसी साल मई में अमेरिका में एक भारतीय मूल के परिवार ने ऐसा ही कारनामा किया था। उनकी ईमानदारी के चलते एक अमेरिकी महिला करोड़पति बन गयी थी। दरअसल मेसाच्युसेट्स की रहने वाली महिला ली रोज फिएगा ने मार्च में साउथविक में एक लोकल स्टोर से 1 मिलियन (10 लाख) डॉलर वाली का लॉटरी टिकट खरीदा था। वे वहीं करीब में ही एक जगह पर काम करती थीं। उन्होंने इस टिकट को स्क्रेच किया और इनाम न जीतने पर फेंक दिया था। मगर उसी टिकट में 10 लाख डॉलर का इनाम था। स्टोर के मालिक अभि शाह ने देखा कि टिकट पूरी तरह से स्क्रेच नहीं हुआ। उन्होंने इसे पूरा स्क्रेच किया और देखा कि यह 10 लाख डॉलर के इनाम वाला टिकट है। इस टिकट को अभि की मां अरुणा शाह ने फिएगा को बेचा था। फिएगा उनकी एक रेगुलर कस्टमर रही थीं। अभि शाह ने एक बार को सोचा कि इस पैसे से एक कार खरीदूंगा। मगर उनके परिवार ने टिकट लौटाने का फैसला किया।