अजब-गजब : हिंदी मीडियम से की पढ़ाई, फिर भी गूगल में मिली 3.25 करोड़ रु की नौकरी
नई दिल्ली, अगस्त 20। सर्वाइव करने के लिए लोग एक अच्छी नौकरी की तलाश में रहते हैं। मगर हर किसी को अच्छी नौकरी नहीं मिलती। अगर किसी को ठीक-ठाक पैसों और सुविधा वाली नौकरी मिल जाए तो फिर वो जरूरी नहीं कि वो उससे कुछ हासिल करने के लिए और मेहनत करे। पर हर व्यक्ति एक जैसा नहीं होता। यहां हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे हैं जो राजस्थान के जोधपुर से है और उसे दुनिया की टॉप कंपनियों में से एक गूगल में नौकरी मिली है।
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छोड़ी 1 लाख रुपए प्रतिमाह की नौकरी
ये कहानी है चिराग सोनी की। चिराग की कहानी किसी को भी प्रेरित कर सकती है। एक समय चिराग ने एक लाख रुपए प्रति माह की नौकरी छोड़ दी थी। नौकरी छोड़ चिराग ने फिर से नौकरी शुरू कर दी थी। पढ़ाई करके वे उस स्तर पर पहुंचे कि अब वो करीब करीब रोज 1 लाख रु कमाएंगे।
गूगल में मिली नौकरी
चिराग को दुनिया की टॉप कंपनियों में से एक गूगल में नौकरी मिल गयी है। उनकी सैलेरी सालाना 3.25 करोड़ रु होगी। उनका सालाना पैकेज 3.25 करोड़ रु का है। वे अमेरिका में जाकर नौकरी। वे अगले महीने गूगल को जॉइन करेंगे। 3.25 करोड़ रु के आधार पर उनकी मासिक सैलेरी होगी करीब 27 लाख रुपए। एक दिन की कमाई इस तरह होगी 90 हजार रुपए।
45 लाख रु की नौकरी का ऑफर ठुकराया
चिराग को जो सैलेरी मिलेगी उसमें से टैक्स की कटौती भी की जाएगी। चिराग को इससे पहले 45 लाख रुपए महीने का जॉब ऑफर दिया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया था। वन इंडिया हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार 12 अगस्त को ही वे अमेरिका से जोधपुर वापस आए हैं। वे अब सितम्बर में अमेरिका वापस जाएंगे। फिर 12 सितम्बर को गूगल में ज्वाइन करेंगे। वे बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर-3 के पद पर गूगल से जुड़ेंगे।
क्या करते हैं चिराग के पिता
गूगल में चिराग का इसी साल मार्च में इंटरव्यू हुआ। पांच से छह राउंड उनके इंटरव्यू के रहे। उनके पिता का गजेंद्र सोनी है, जिनका जोधपुर में ऑटोमोबाइल का काम है। बेटे चिराग के गूगल में इतनी शानदार नौकरी मिलने से परिवार में काफी खुशी है। दिसम्बर 1996 में जन्में चिराग के छोटे भाई हैं प्रयाग सोनी, जो शिमला से लॉ कर रहे हैं। उनकी बहन हर्षिता जोधपुर से इंजीनियरिंग कर रही हैं। उनकी माता सुषमा बीएड डिग्रीधारक हैं।
कहां से की पढ़ाई
चिराग का परिवार जोधपुर के ओसियां का है। उन्होंने पांचवीं तक की पढ़ाई ओसियां के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल से की। उनकी शुरुआती शिक्षा हिंदी माध्यम से रही। मगर उनका परिवार अब जोधपुर के पावटा में रहता है। कक्षा छह से दस तक की पढ़ाई चिराग ने जोधपुर के सेंट ऑस्टिन स्कूल से की, जो अंग्रेजी माध्यम से रही। उन्होंने आईआईटी पटना से बीटके और फिर 2021-22 में अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री ली। बीटेक के बाद चिराग को सैमसंग के नोएडा वाले ऑफिस में नौकरी मिल गयी थी। यहां उनकी सैलेरी 14 लाख रु सालाना था। मगर उन्हें कुछ बड़ा करना था। फिर आज वे गूगल के अमेरिका वाले ऑफिस में पहुंच गये हैं।