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अजब-गजब : 18वीं शताब्दी का चाइनीज फूलदान हुआ नीलाम, बिका 14 करोड़ रु में

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नई दिल्ली, मई 20। बहुत सारी पुरानी, एंटीक और यूनीक चीजों की कीमत समय के साथ बढ़ती जाती है। ऐसी चीजों में पुराने सिक्के, नोट, डाक टिकट, मूर्ति या कोई अन्य कलाकृति शामिल होती हैं। इस तरह का कोई आइटम किसी को मिल जाए तो उसके लिए बोली लगाई जाती है। इससे लोग रातोंरात करोड़पति बन जाते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही चाइनीज फूलदान नीलाम हुआ, जिसकी बोली करोड़ों रु तक लगाई गई। जानते हैं इस फूलदान की डिटेल।

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कितनी लगी बोली

कितनी लगी बोली

18वीं सदी के एक दुर्लभ चीनी फूलदान को नीलामी में लगभग 1.5 मिलियन पाउंड (1.8 मिलियन डॉलर) में बिका है। ये रकम भारतीय मुद्रा में करीब 14 करोड़ रु होती है। बिक्री को मैनेज करने वाले इंग्लिश ऑक्शन हाउस ड्रीवेट्स के अनुसार सोने का पानी चढ़ा हुआ नीला आर्टिफैक्ट शुरू में 150,000 पाउंड का था, जो नीलामी में 1.5 मिलियन पाउंड यानी 10 गुना कीमत तक गया।

कब का है ये फूलदान

कब का है ये फूलदान

ड्रीवेट्स ने एक बयान में कहा, विक्रेता को अपने पिता, जो कि एक सर्जन थे, से फूलदान विरासत में मिला, जिन्होंने इसे 1980 के दशक में कुछ सौ पाउंड में खरीदा था। विक्रेता इसके मूल्य से अनजान था, और इसलिए इसे रसोई में रखा, जहां एक एक्सपर्ट ने इसे देखा। ऑक्शन हाउस ने कहा कि दो फीट की ऊंचाई वाला चीनी मिट्टी का बरतन ये फूलदान कियानलोंग युग (1736-1795) का है। इस पर उस समय की छह कैरेक्टर की मुहर लगाई गयी है।

किसके लिए बना था फूलदान

किसके लिए बना था फूलदान

इस फूलदान को कियानलोंग सम्राट के दरबार के लिए बनाया गया था, जो किंग राजवंश के छठे सम्राट थे। ड्रीवेट्स ने कहा कि इसके नीले, सोने और चांदी के रंग को प्राप्त करने के लिए लेटेस्ट हीटिंग तकनीकों का उपयोग करके तैयार किया गया होगा। कोबाल्ट ब्लू शेड प्राप्त करने के लिए फूलदान को लगभग 2,200 डिग्री फ़ारेनहाइट (लगभग 1,200 सेल्सियस) के तापमान पर तपाया हो गया होगा, जबकि आंतरिक फ़िरोज़ा रंग और बाहरी सोने और चांदी के रंग तामचीनी के लिए उपयुक्त भट्ठी में बनाए गए होंगे।

बहुत खास है नाम

बहुत खास है नाम

इस तरह के फूलदान का चीनी नाम "तियानक्यूपिंग" है, जिसका मतलब है "स्वर्गीय ग्लोब फूलदान"। ये इसके गोलाकार आकार का वर्णन करता है। ड्रीवेट्स ने कहा कि सोने और चांदी में समान डिजाइन वाले किसी भी अन्य तियानक्यूपिंग फूलदान का दस्तावेजीकरण नहीं किया गया है, जिससे यह अत्यंत दुर्लभ हो गया है।

कहां-कहां के लोगों ने लगाई बोली

कहां-कहां के लोगों ने लगाई बोली

ड्रीवेट्स में एशियाई सिरेमिक और कलाकृतियों के विशेषज्ञ सलाहकार मार्क न्यूस्टेड ने बयान में कहा कि बोली लगाने में दिलचस्पी चीन, हांगकांग, अमेरिका और ब्रिटेन से आए लोगों ने दिखाई। इस फूलदान की बोली का परिणाम दुनिया में उत्पादित बेहतरीन चीनी मिट्टी के बरतन की उच्च मांग को दर्शाता है। कई अन्य बरामद ऐसी ही दुर्लभ कलाकृतियों ने हाल ही में उच्च बिक्री मूल्य प्राप्त किए। पिछले साल मार्च में 15वीं सदी का एक नीला और सफेद चीनी कटोरा एक यार्ड बिक्री पर 35 डॉलर में खरीदा गया था और नीलामी में 721,800 डॉलर में बेचा गया था। कुछ महीने बाद, एक दराज में खोजी गई 16वीं सदी की एक इतालवी डिश की नीलामी 1.7 मिलियन डॉलर से अधिक में हुई।

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English summary

Strange news Chinese vase of 18th century was auctioned sold for Rs 14 crore

The auction house said that this porcelain vase with a height of two feet is from the Qianlong era (1736-1795). It has a six character stamp of that time.
Story first published: Thursday, May 19, 2022, 19:50 [IST]
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