अजब-गजब : मछुआरों को मिली 13 लाख रु कीमत वाली मछली, बदल गयी किस्मत
नई दिल्ली, जुलाई 6। भारत के कई राज्यों में मछली का कारोबार बहुत अधिक होता है। मछुआरों की किस्मत अच्छी रहे तो वे खूब कमाते हैं। पर ऐसा हमेशा नहीं होता। फिर भी कभी-कभी उन्हें ऐसी कोई मछली मिल जाती है तो एक ही उनकी मोटी कमाई करा जाती है। जैसा कि हाल ही में पश्चिम बंगाल के पूर्वी मिदनापुर में मछुआरों के एक समूह को दीघा के पास एक खास मछली मिली। इस मछली ने मछुआरों के समूह को काफी तगड़ी रकम दिलाई। आगे जानते हैं इस मछली की खासियत के बारे में और प्रति किलो रेट।
अजब-गजब : इस चवन्नी के बदले के मिलेगी मोटी रकम, आपके पास है क्या

तेलिया भोला मछली
जिस मछली को मछुआरों के समूह ने पकड़ा है, वो है एक विशाल "तेलिया भोला"। इसका वजन लगभग 55 किलोग्राम है। मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार एक स्थानीय दक्षिण 24 परगना निवासी ने नीलामी के लिए मछली को दीघा पहुंचाया। इस खास मछली के लिए तीन घंटे तक बोली चली। आखिर में इसे 26,000 रु प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचा गया। इस तरह मछली के पूरे रेट लगे 13 लाख रु।

कंपनी ने खरीदी मछली
तीन घंटे की लंबी सौदेबाजी के बाद एक कंपनी ने विशाल तेलिया भोला मछली को खरीदा। तेलिया भोला मछली की विशेषता यह है कि इसका जबड़ा बहुत बड़ा होता है। इस मछली का इस्तेमाल औषधियां बनाने में भी होता है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि इस फिश के जबड़े को विदेश में भी बेचा जा सकता है। जीवन बचाने वाली दवाएँ बनाने के लिए इस मछली के जबड़े की आवश्यकता होती है।

विदेश जाएगी ये मछली
एक विदेशी कंपनी ने इस विशाल मछली को खरीदने के लिए एक बड़ी राशि का भुगतान किया। ये मछली एक अंडे कैरी करने वाली मादा थी। इसलिए, इसका जबड़ा मौजूद नहीं था। बता दें कि छह दिन पहले एक नर तेलिया भोला को 9 लाख रुपये में बेचा गया था। 27 जून को दीघा में बड़ी संख्या में लोग विशाल मछली को देखने के लिए जमा हुए। मछली का कुल वजन 55 किलो है। और इसी वजह से 5 किलो अंडे को छोड़कर मछली का कुल वजन 50 किलो होता है।

पहले भी मिलती रही हैं ऐसी मछलियां
कुछ महीने पहले पूर्वी गोदावरी जिले के अंतर्वेदी गांव में एक मछुआरे को एक काफी दुर्लभ मछली मिली थी, जिसे 'कचिड़ी' कहा जाता है। कचिड़ी नामक ये दुर्लभ मछली दिखने में सुनहरी होती है। मछुआरे को जो कचिड़ी मछली मिली है उसका वजन 28 किलोग्राम रहा था। इस एक मछली से मछुआरे को 2.90 लाख रुपये की इनकम हुई। यानी रातोंरात एक ही मछली ने मछुआरे की किस्मत बदल दी।

कहां मिली थी मछली
कचिड़ी मछली को आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र में एक मिनी-फिशिंग बंदरगाह पर पकड़ा गया। फिर मछुआरे ने भीमावरम के निकट नरसापुरम शहर में एक व्यापारी को इस सुनहरी मछली बेच दी। 'कचिड़ी' मछली को वास्तव में मछुआरों और व्यापारियों द्वारा इसकी उच्च कीमत के कारण सुनहरी मछली के नाम से जाना जाता है। यह खास मछली गहरे समुद्र में पाई जाती है। जानकारी के अनुसार मछली के कुछ हिस्सों का उपयोग हेल्थकेयर सेक्टर में दवाओं में किया जाता है।