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अजब-गजब : दसवीं पास छात्र ने बनाई खास तकनीक, मिलेगी सबसे सस्ती बिजली

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नई दिल्ली, अगस्त 30। भारत में एक से एक होनहार शख्स रहता है। भारत के सपूत अपने टैलेंट के दम पर दुनिया भर में अपना लोहा मनवा चुने हैं और नये नये कारनामों से चर्चा में आते रहते हैं। इसी कड़ी में एक नयी प्रतिभा सामने आई है देश के बिहार राज्य से। बिहार के एक छात्र ने दुनिया की सबसे सस्ती बिजली बनाने की तकनीक बना दी है। जी हां ये लड़का केवल दसवीं पास है, मगर इसके टैलेंट ने अपना लोहा मनवा लिया है। इस छात्र की नयी तकनीक से लोगों को भी बहुत फायदा होगा।

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जमुई जिले से ताल्लुक

जमुई जिले से ताल्लुक

सस्ती बिजली देने के लिए नयी तकनीक बनाने का कारनामा किया है दसवीं पास छात्र रोहित ने, जो कि बिहार जमुई जिले से ताल्लुक रखते हैं। वे इस जिले के एक छोटे से गांव से आथे हैं। उनकी तकनीक से दुनिया की सबसे सस्ती बिजली का उत्पादन मुमकिन हो जाएगा। रोहित ने एक स्टार्ट-अप शुरू किया है, जिसका नाम हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी है।

7 सालों से कर रहे मेहनत

7 सालों से कर रहे मेहनत

सस्ती बिजली देने की नयी तकनीक को रोहित ने एक ही दिन में बनाया, बल्कि इसमें उन्हें 7 सालों का समय लगा। इसके लिए उन्होंने काफी मेहनत और गहनता से रिसर्च की, तब जाकर ये कामयाबी मिली है।

मिल गया पेटेंट

मिल गया पेटेंट

रोहित ने सात साल की शोध के बाद हाइड्रो लिफ्टिंग तकनीक को तैयार किया और इसके लिए आईपीआर केंद्र कोलकाता से प्रोविजनल पेटेंट भी प्राप्त कर लिया है। इस तकनीक की खासियत क्या है उस बारे में बात करते हैं। इससे बहुत कम खर्च में नीचे वाले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी पहुंचाया जा सकेगा। डैम में एक ही बार पानी भरने से बिजली बनती है। मगर रोहित की तकनीक से एक ही पानी नीचे और ऊपर आएगा-जाएगा और डैम में रोटेट होगा और बिजली बनाता रहेगा।

सिर्फ 15 फीसदी खर्च

सिर्फ 15 फीसदी खर्च

बिजली के खर्च की बात करें तो नीचे वाले डैम से ऊपर वाले डैम में पानी ले जाने पर जितनी बिजली तैयारी होगी उसमें से केवल 15 फीसदी खर्च होगी। बाकी 85 फीसदी बिजली दूसरे कामों में इस्तेमाल की जाएगी। अभी जो तकनीक इस्तेमाल होती है उसमें नीचे वाले डैम से पानी को ऊपर वाले डैम में ले जाने पर बहुत अधिक पैसा ख़र्च होता है।

खर्च के कारण नहीं होता था ये काम
अभी तक नीचे वाले डैम से पानी को ऊपर वाले डैम में ले जाने में बहुत अधिक पैसा ख़र्च होता था और इसीलिए बिजली उत्पादन के लिए इस पानी को रोटेट नहीं किया जाता था। मगर रोहित की नई तकनीक से यह काम बहुत कम खर्च में हो पाएगा।

कितना आएगा खर्च

कितना आएगा खर्च

रोहित की नई तकनीक पर जानकारों ने अपनी राय रखी है। उनके अनुसार कि हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी के जरिए एक मेगावट तक बिजली के उत्पादन में सिर्फ़ 11 करोड़ रु खर्च होंगे। रोहित के अनुसार यह हाइड्रोलिफ्टिंग तकनीक इस तरह की दुनिया की सस्ती तकनीक है। प्रोविजनल पेटेंट के अलावा इस स्टार्ट-अप के लिए स्थायी पेटेंट के लिए भी अप्लाई किया गया है। रोहित की तकनीक से साल भर बिजली का उत्पादन मुमकिन हो सकेगा।

English summary

Strange 10th pass student made special technology will get the cheapest electricity

Rohit made a new technology to provide cheap electricity in a single day, rather it took him 7 years. For this, he researched very hard and intensively, then only this success has been achieved.
Story first published: Tuesday, August 30, 2022, 15:56 [IST]
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