आ गई गाय के गोबर से बनी स्पेशल Chip, रेडिएशन कम करने में होगी मददगार
नयी दिल्ली। गाय के गोबर को "एंटी-रेडिएशन" बताते हुए, राष्ट्रीय कामधेनु अयोग (आरकेए) के अध्यक्ष वल्लभभाई कथीरिया ने सोमवार को गाय के गोबर से बनी एक "चिप" लॉन्च की है। इस चिप के लिए दावा किया गया है कि इस चिप से मोबाइल हैंडसेट से निकलने वाले रेडिएश में काफी कमी आएगी। देशव्यापी अभियान कामधेनु दीपावली अभियान की शुरुआत करते हुए कथीरिया ने इस स्पेशल चिप को लॉन्च किया और कहा कि आप इसे अपने मोबाइल में रख सकते हैं। उनके मुताबिक यदि आप इस चिप को अपने मोबाइल में रखते हैं, तो यह चिप रेडिएशन को काफी कम कर सकती है। उन्होंने कहा कि अगर आप बीमारी से बचना चाहते हैं तो इसका इस्तेमाल कीजिए।
चिप का नाम गौसत्त्व कवच
कामधेनु दीपावली अभियान का उद्देश्य गाय के गोबर उत्पादों को बढ़ावा देना है। इसी अभियान की शुरुआत पर ये खास प्रोडक्ट पेश किया गया। बता दें कि इस चिप को गौसत्त्व कवच नाम दिया गया है। इस चिप को राजकोट के श्रीजी गौशाला में तैयार किया गया है। आरकेए मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत आता है। केंद्र ने इस आयोग की स्थापना 6 फरवरी 2019 को की थी। इस आयोग का मकसद गायों का संरक्षण और विकास है। केंद्रीय बजट 2019-20 में इसकी घोषणा की गई थी।
कितनी है चिप की कीमत
कथीरिया के मुताबिक एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसका मकसद उन विषयों पर शोध करना है जिन्हें मिथक माना जाता हैं। गाय के गोबर से बने अन्य उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए उन्होंने कहा कि गाय का गोबर एंटी-रेडिएशन है, यह सभी की रक्षा करता है, अगर आप इस घर लाते हैं तो आपका घर रेडिएशन फ्री हो जाएगा। उनके अनुसार इस सब को साइंस से मंजूरी मिल चुकी है। 500 से अधिक गौशालाओं में इस तरह की एंटी-रेडिएशन चिप्स तैयार हो रही हैं। ये 50-100 रुपये में उपलब्ध हैं। एक व्यक्ति ऐसे चिप्स को अमेरिका में निर्यात कर रहा है, जहां प्रति चिप की कीमत 10 डॉलर पर बेचा जाता है।
चिप्स किसी सरकारी प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित नहीं
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने गोबर के चिप्स के डेवलपमेट के लिए पैसा दिया है तो कथीरिया ने कहा हमारा उद्देश्य गाय के गोबर के एंटी-रेडिएशन गुणों को लोकप्रिय बनाना है। यह आपको मोबाइल फोन के रेडिएशन से बचाती है। यह पूछे जाने पर कि क्या चिप को किसी सरकारी लैब से प्रमाणित कराया गया है तो कथीरिया ने कहा ये प्रमाणित नहीं हैं लेकिन इनके परीक्षण किए गए हैं। यह किसी भी प्रयोगशाला में परीक्षण किया जा सकता है, यहां तक कि एक कॉलेज में भी। कामधेनु दीपावली अभियान की शुरुआत करते हुए कथीरिया ने अन्य गाय के गोबर से बने उत्पाद भी पेश किए जिनमें मिट्टी के दीपक, मोमबत्तियां, अगरबत्ती, पेपरवेट, देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। उन्होंने कहा कि आरकेए का उद्देश्य इस दीवाली पर गोबर से बनी 33 करोड़ दीया जलाने का है। ये दीये 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचेंगे।
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