तो क्या अदाणी ग्रुप की हो जायेगी एयर इंडिया
नयी दिल्ली। कर्ज और घाटे के बोझ से दबी एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप के बाद अब अडानी ग्रुप का नाम सामने आया है। देश के प्रमुख कारोबारी समूहों में से एक अडानी ग्रुप एयर इंडिया के लिए बोली लगा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अडानी ग्रुप में एयर इंडिया के लिए बोली लगाने को लेकर आंतरिक स्तर पर विचार हो रहा है। हालांकि अभी ग्रुप में बात सिर्फ शुरुआती स्तर पर ही हो रही है। अगर अडानी ग्रुप विमानन कारोबार में उतरती है तो यह उसके लिए एक बड़ा बदलाव होगा। सरकार की तरफ से हाल ही में कहा गया था कि इस बार एयर इंडिया को बेच दिया जायेगा। इससे पहले भी सरकार एयर इंडिया को बेचने की नाकामयाब कोशिश कर चुकी है।
17 मार्च तक है समय
बता दें कि एयर इंडिया को खरीदने के लिए कंपनियों के पास बोली लगाने के लिए 17 मार्च तक का समय है। सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है। इससे पहले आयी खबरों में कहा गया था कि टाटा ग्रुप एयर इंडिया को खरीद सकता है। टाटा ग्रुप ने ही एयर इंडिया की स्थापना 15 अक्टूबर 1932 को की थी। एयर इंडिया की शुरुआत टाटा ग्रुप ने टाटा एयरलाइंस के नाम से की थी। इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने टाटा संस से टाटा एयरलाइंस की अधिकतम हिस्सेदारी खरीद कर इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया था।
एयर इंडिया की अच्छी हालत नहीं
जानकारी के लिए बता दें कि एयर इंडिया की वित्तीय हालत बेहद कमजोर है। पिछले एक दशक में कंपनी को 69,575.64 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। पिछले साल दिसंबर में उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने संसद में खुद इस बात की जानकारी दी थी। 2017-18 में एयर इंडिया को 5438.18 करोड़ रुपये और 2018-19 में 8556.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। इसके अलावा एयर इंडिया पर 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज भी है। एयर इंडिया के संभावित बोली लगाने वालों में अडानी ग्रुप के अलावा हिंदुजा, टाटा, इंडिगो और इंटरअप्स शामिल हैं।
कर्मचारियों का रखा जायेगा ध्यान
हाल ही उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एयर इंडिया के कर्मचारियों को भी आश्वासन दिया था कि एयर इंडिया की बिक्री के मामले में उनकी आवश्यकताओं को एयरलाइन में सबसे आगे रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया के खरीदार के साथ जो भी व्यवस्था हो कर्मचारियों के हितों को आगे रखा जायेगा। एयर इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री के लिए कुछ हफ्ते पहले जारी किए गए प्रारंभिक सूचना ज्ञापन में सरकार ने कहा था कि ब्रांड का नाम भविष्य के मालिक को जस-का-तस रखना होगा। सरकार पहले भी एयर इंडिया का असफल प्रयास कर चुकी है। इस बार सरकार इसे बेचने को लेकर आश्वस्त लग रही है।
Air India पर सरकार का बड़ा बयान, 'जरूर मिलेगा खरीदार'