Jio Platforms : फिर बरसा पैसा, जानिए अब किसने लगाया दांव
नयी दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शुक्रवार को ऐलान किया कि सिल्वर लेक जियो प्लेटफॉर्म्स में अतिरिक्त 0.93 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 4,546.8 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। बता दें कि इससे पहले पिछले महीने सिल्वर लेक जियो प्लेटफॉर्म्स में 5655.75 करोड़ रुपये का निवेश कर चुकी है। इसके साथ ही सिल्वर लेक की जियो प्लेटफार्म्स में कुल निवेश 10,202.55 करोड़ रुपये का हो गया है। शुक्रवार को ही जियो ने अबू धाबी स्थित निवेशक मुबाडाला के साथ 1.85 फीसदी के लिए 9093.60 करोड़ रुपये की डील का ऐलान किया। यानी 24 घंटों के अंदर ही जियो प्लेटफॉर्म्स ने 13,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश जुटा लिया।
अब तक जियो ने कितना निवेश जुटाया
सिल्वर लेक के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश वैल्यू से इसकी कुल इक्विटी वैल्यू 4.91 लाख करोड़ रुपये और एंटरप्राइज वैल्यू 5.16 लाख करोड़ रुपये बनती है। सिल्वर लेक जियो प्लेटफॉर्म्स की कुल 2.08 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी। इसके साथ ही जियो प्लेटफॉर्म्स 6 हफ्तों से कम समय में कुल 92,202.15 करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर लिया है।
किन कंपनियों से जुटाया पैसा
अभी तक किन जियो प्लेटफॉर्म्स ने जिन कंपनियों से पैसा जुटाया है उनमें फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, केकेआर और मुबाडाला इंवेस्टमेंट शामिल हैं। जहां तक अबू धाबी की मुबाडाला इनवेस्टमेंट कंपनी के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की बात है तो ऐसी खबर थी कि कंपनी इसी सप्ताह डील का ऐलान कर सकती है। बता दें कि एशिया के सबसे अमीर आदमी अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की रिलायंस अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी और सऊदी अरब के पब्लिक इनवेस्टमेंट फंड के साथ भी बातचीत कर रही है।
ये है रिलायंस का असल टार्गेट
रिलायंस का असल मकसद 'जीरो डेब्ट' कंपनी बनना है और तकनीक तथा इक्विटी दिग्गज कंपनियों की तरफ से किया गया निवेश इसके इस मकसद को पूरा करने के लिए अहम हैं। बाहरी निवेश से जियो के लिए एक वैल्यूएशन सेट करने में मदद मिल रही है, जिसे हाल ही में मुकेश अंबानी समूह की रिलायंस ने अपने स्वामित्व में लिया है। रिलायंस जियो प्लेटफॉर्म्स की लिस्टिंग की भी तैयारी में है।
कैसा रहा राइट्स इश्यू
रिलायंस का हाल ही में राइट्स इश्यू भी पूरा हुआ है, जिसके जरिए कंपनी ने 53124 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई थी। 20 मई को खुल कर कंपनी का राइट्स इश्यू 3 जून को बंद हुआ। रिलायंस का 53,124 करोड़ रुपये का राइट्स इश्यू भारत में अब तक का सबसे बड़ा है। वहीं किसी गैर वित्तीय कंपनी की तरफ से लाया गया पिछले 10 साल का दुनिया का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू रहा। इस राइट्स इश्यू को निवेशकों की तरफ से 1.59 गुना आवेदन मिले हैं।
क्या होता है राइट्स इश्यू
कोई कंपनी को कारोबार बढ़ाने, संपत्ति खरीदने या कर्ज चुकाने के लिए राइट्स इश्यू लाती है। राइट्स इश्यू में कंपनी नए शेयरों को सिर्फ अपने मौजूदा शेयरधारकों को ही बेचती है। राइट्स इश्यू के अलावा कोई कंपनी प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (आईपीओ) और फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) से भी पैसा जुटा सकती है। आईपीओ केवल उन कंपनियों के लिए होता है जो स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट न हो और पहली बार निवेशकों को शेयर बेच रही हो। एफपीओ के मामले में, पहले से लिस्टेड कंपनी नए शेयर बेचती है।
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