झटका : रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थोक महंगाई दर, अप्रैल में रही 10.49 फीसदी
नई दिल्ली, मई 17। आम जनता के लिए एक बुरी खबर आई है। दरअसल अप्रैल में थोक मूल्य मुद्रास्फीति (डब्लूपीआई) बढ़ कर 10.49 फीसदी पर पहुंच गयी। बता दें कि ये बढ़ोतरी साल दर साल आधार पर हुई है। थोक महंगाई दर का यह आंकड़ा आज तक का सबसे अधिक है। यानी अप्रैल में थोक महंगाई अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मुख्य रूप से कच्चे पेट्रोलियम और खनिज तेल की कीमतों में वृद्धि के कारण थोक महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची है।
मार्च में कितनी रही थी
महीने दर महीने आधार पर देखें तो थोक मुद्रास्फीति में अप्रैल में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। मार्च में यह 7.39 प्रतिशत रही थी। इससे पहले फरवरी में थोक महंगाई दर 4.17 फीसदी थी। वहीं जनवरी में इसका आंकड़ा 2.51 प्रतिशत पर था। देखा जाए तो जनवरी के बाद से लगातार थोक महंगाई बढ़ी है। प्राथमिक वस्तुओं (खनिज, कच्चा तेल और गैस, खाद्य पदार्थ और गैर-खाद्य पदार्थ) की मुद्रास्फीति मार्च की तुलना में अप्रैल में 3.83 प्रतिशत बढ़ी।
फ्यूल के दाम घटे
जबकि ईंधन और बिजली पर मार्च की तुलना में अप्रैल में मुद्रास्फीति सूचकांक 1 प्रतिशत गिरावट है। मगर कोयले की कीमतों में मार्च के मुकाबले अप्रैल में 0.32 फीसदी और खनिजों की कीमतों में 0.29 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स का मुद्रास्फीति सूचकांक मार्च की तुलना में अप्रैल में 1.65 प्रतिशत बढ़ा। डब्लूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर (खाद्य उत्पादों की थोक महंगाई) मार्च में 5.28 प्रतिशत से बढ़ कर अप्रैल में 7.58 प्रतिशत हो गई।
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खुदरा महंगाई घटी
बता दें कि एक तरफ थोक महंगाई रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गयी, वहीं खुदरा महंगाई अप्रैल में कम हुई। 12 मई को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार अप्रैल के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.29 फीसदी तक घट गई। यह मार्च में 5.52 फीसदी थी। यह लगातार पांचवां महीना रहा जब खुदरा महंगाई भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के 6 प्रतिशत के ऊपरी मार्जिन के अंदर रही है। सरकार ने केंद्रीय बैंक से मार्च 2026 को समाप्त होने वाली पांच साल की अवधि के लिए खुदरा मुद्रास्फीति को 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनाए रखने के लिए कहा है।