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झटका : खुदरा महंगाई में आया उछाल, अगस्त में पहुंची 7 फीसदी

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नई दिल्ली, सितंबर 12। नई दिल्ली, सितंबर 12। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित भारत की खुदरा मुद्रास्फीति लगातार 3 महीने की गिरावट के बाद फिर से 7 प्रतिशत के अस्तर पर पहुंच गई है। सरकार के द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों से पता चलता है कि मुद्रास्फीति में उछाल मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई तेजी के कारण हुआ है।

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खाने के चिजों के दामों से बढ़ी थी मुद्रास्फिति

पिछले महीने में, सीपीआई संख्या 6.71 प्रतिशत थी। जुलाई लगातार तीसरा महीना था जब खुदरा मुद्रास्फीति की संख्या अप्रैल में अपने 8 साल के उच्च स्तर 7.79 के स्तर से निचे गिरी है। खाद्य मुद्रास्फीति, जो उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बास्केट का लगभग आधा हिस्सा हैं। खाने के पदार्थों की कीमत गेहूं, चावल और दाल जैसी आवश्यक फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बढ़ गई थी। खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से रिजर्व बैंक के अनुसार 6 प्रतिशत के स्तर से ऊपर चल रही है। यह लगातार 8वां महीना है जब मुद्रास्फीति के आंकड़े केंद्रीय बैंक के 2-6 प्रतिशत के टॉलरेंस बैंड से ऊपर रहे हैं।

रिजर्व बैंक कर रहा है मॉनिटर

भारतीय रिजर्व बैंक को सरकार ने मुद्रास्फीति को 2-4 प्रतिशत की सीमा के भीतर रखने का काम सौंपा है। इस कड़ी में बैंक ने मूल्य वृद्धि की दर की जाँच करने के उद्देश्य से मई से प्रमुख नीतिगत दर में 140 आधार अंकों की वृद्धि की है। आरबीआई के अपने अनुमानों ने 2023 की शुरुआत तक मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य सीमा के 6 प्रतिशत के शीर्ष अंत से ऊपर रहने का अनुमान लगाया है। केंद्रीय बैंक ने इस साल मई से अब तक बेंचमार्क उधार दरों में 140 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है ताकि बढ़ती मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाया जा सके। इसका अगला नीतिगत फैसला 30 सितंबर को होना है।


वित्त मंत्री का आया है बयान

पिछले हफ्ते, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि मुद्रास्फीति प्रबंधन को मौद्रिक नीति पर "एकल" नहीं छोड़ा जा सकता है क्योंकि वर्तमान संदर्भ में अधिकांश गतिविधियां इसके दायरे से बाहर हैं। आर्थिक थिंक-टैंक इक्रियर द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में बोलते हुए, वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए राजकोषीय नीति और मौद्रिक नीति दोनों को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आरबीआई को कुछ हद तक सिंक्रनाइज़ करना होगा, शायद उतना सिंक्रनाइज़ नहीं जितना कि अन्य पश्चिमी विकसित देश करेंगे। मैं रिजर्व बैंक के लिए कुछ भी निर्धारित नहीं कर रही हूं, मैं आरबीआई को कोई आगे की दिशा नहीं दे रही हूं, लेकिन यह सच है कि भारत की अर्थव्यवस्था को संभालने के साथ साथ बैंक का काम मुद्रास्फीति को भी संभालना है, एक ऐसा अभ्यास है जहां मौद्रिक नीति के साथ-साथ राजकोषीय नीति को भी काम करना है। मंत्री ने आगे कहा कि भारत एक ऐसी अर्थव्यवस्थाएं हैं जहां नीति इस तरह से तैयार की जाती है जिसमें मुद्रास्फीति को संभालने के लिए मौद्रिक नीति और ब्याज दर प्रबंधन एकमात्र उपकरण है।

English summary

Shock There was a jump in retail inflation reached 7 percent in August

India's retail inflation based on the Consumer Price Index (CPI) has slipped to a 3-month low of 7 per cent in August.
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