अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के इस कदम से भारतीय आईटी कंपनियों के शेयर गिरे
नयी दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की देश में इमिग्रेशन पर अस्थायी रूप से पाबंदी लगाने की घोषणा की। इसके बाद मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के शेयरों में काफी गिरावट दर्ज की गई। सुबह आईटी शेयरों में 6 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), इंफोसिस, टेक महिंद्रा, विप्रो, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, हेक्सावेयर टेक्नोलॉजीज, एनआईआईटी टेक्नोलॉजीज और माइंडट्री में कारोबार के दौरान एनएसई पर 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक की कमजोरी आई। आखिर में भी निफ्टी 50 में आई 3.03 फीसदी की गिरावट के मुकाबले निफ्टी आईटी इंडेक्स में 3.42 फीसदी की गिरावट आई।
क्या कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ने
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि अदृश्य शत्रु से हमले को देखते हुए अपने अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों की रक्षा करने की आवश्यकता है इसलिए मैं अमेरिका में अस्थायी रूप से इमिग्रेशन को निलंबित करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करूंगा। इसके बाद भारतीय आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई। दरअसल बहुत से भारतीय आईटी प्रोफेश्नल अमेरिका में अपनी सेवाएं देते हैं। आईटी शेयरों पर नजर डालें तो जस्ट डायल में 7.14 फीसदी, माइंडट्री में 6.35 फीसदी, टीसीएस में 4.45 फीसदी और इंफोसिस में 3.11 फीसदी की गिरावट आई।
सोमवार को इंफोसिस ने अपने जनवरी-मार्च के फाइनेंशियल नतीजे घोषित किए थे। कंपनी को इस तिमाही में 4321 करोड़ रुपये का मुनाफ हुआ, जो अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के मुकाबले 3.1 फीसदी कम है। इंफोसिस का मुनाफा घटने के पीछे जो कारण हैं उनमें कम अदर इनकम और पिछली तिमाही में मिला टैक्स बेनेफिट शामिल हैं। 31 दिसंबर 2019 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने आयकर रिफंड पर 242 करोड़ रुपये के नॉन-रिकरिंग प्रोफिट की जानकारी दी थी। हालांकि गिरावट के बावजूद इंफोसिस का मुनाफा जानकारों के अनुमान से ज्यादा रहा।
तिमाही में इंफोसिस द्वारा की गई बड़ी डील प्रभावित हुई, जो अक्टूबर-दिसंबर में 1.8 अरब डॉलर से गिर कर 1.7 अरब डॉलर रह गई। हालांकि अच्छी बात ये है कि नई डील की रन-रेट में काफी अच्छी 50 फीसदी की वृद्धि हुई।
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