Tata Group से अलग होने के लिए शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया प्लान
नयी दिल्ली। शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने टाटा समूह के साथ अपने सात दशक पुराने संबंध को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक प्लान पेश किया है। सुप्रीम कोर्ट में ग्रुप ने बताया है कि टाटा में इनकी हिस्सेदारी करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये की है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इन दो समूहों के बीच लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई की सुनवाई कर रहा है, जो 28 अक्टूबर 2016 को टाटा के बोर्ड से साइरस मिस्त्री को अध्यक्ष पद से बर्खास्त करने के बाद शुरू हुई है। 22 सितंबर 2020 को शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने कहा था कि वह हिस्सेदारी बेच कर टाटा ग्रुप में से निकलने को तैयार है।
क्या कहा शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने
शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने एक बयान में कहा है कि टाटा संस प्रभावी रूप से एक दो ग्रुप वाली कंपनी है, जिसमें टाटा ग्रुप (जिसमें टाटा ट्रस्ट्स, टाटा परिवार के सदस्य और टाटा कंपनियाँ शामिल हैं) की इक्विटी शेयर पूंजी 81.6 प्रतिशत है और मिस्त्री परिवार के पास बाकी 18.37 प्रतिशत है। अब शापोरजी पालोनजी समूह ने टाटा ग्रुप से अलग करने होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने एक प्लान प्रस्तुत कर दिया है।
क्या है योजना
अपनी अलग होने की योजना में शापोरजी पालोनजी ग्रुप ने कहा कि वैल्यूएशन के विवादों को लिस्टेड एसेट्स (शेयर की कीमत ज्ञात होती है) और ब्रांड (टाटा द्वारा पहले से ही किया गया ब्रांड वैल्यूएशन को एक प्रो-रैटा (आनुपातिक) विभाजन करके समाप्त किया जा सकता है। शुद्ध डेब्ट के लिए अनलिस्टेड एसेट्स के लिए एक तटस्थ थर्ड पार्टी वैल्यूएशन किया जा सकता है। टाटा संस टाटा ग्रुप के लिए कोर इन्वेस्टमेंट और होल्डिंग कंपनी है और इसकी लिस्टेड इक्विटी, नॉन-लिस्टेड इक्विटी, ब्रांड, कैश बैलेंस और रियल एस्टेट की वैल्यू की भी होल्डिंग कंपनी है। टाटा संस में शापोरजी पालोनजी ग्रुप की 18.37 प्रतिशत हिस्सेदारी की वैल्यू 1,75,000 करोड़ रुपये से अधिक है।
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