फिर झटका : सेवा क्षेत्र में लगातार दूसरे महीने गिरावट दर्ज
मुंबई। निजी क्षेत्र के एक सर्वे में पता चला कि भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में गिरावट दर्ज की गई। यह वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही के बाद अपने तरह की पहली घटना है। सर्वे के अनुसार, वित्त, बीमा, रियल एस्टेट और बिजनेस सेवाओं ने भारतीय सेवा अर्थव्यवस्था में गिरावट में मुख्य भूमिका निभाई, जहां व्यापारिक गतिविधि और बिक्री दोनों में गिरावट दर्ज हुई है।
मांग में कमजोरी रहेगी
सर्वे में कहा गया है कि अक्टूबर के आंकड़े ने संकेत दिया है कि घरेलू बाजार में मांग की कमजोरी बनी हुई है। निर्यातकों ने अंतर्राष्ट्रीय बिक्री में वृद्धि दर्ज कराई है, लेकिन विदेशी मांग में वृद्धि चार महीनों में बहुत मामूली और धीमी है।
पीएमआई 50 अंक के स्तर के नीचे गया
सर्वे में कहा गया है, "आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अक्टूबर में 49.2 पर रहा, जिसने लगातार दूसरी बार प्रदर्शन में गिरावट का संकेत किया है। हालांकि सितंबर के 48.7 के आंकड़े से बढ़ने के बाद सूचकांक ने मामूली और धीमी गिरावट का संकेत किया है।"
उपभोक्ता सेवाओं का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा
सर्वे के अनुसार, उपभोक्ता सेवाओं का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, जहां जोरदार वृद्धि और नए काम को दर्ज किया गया। इसके अलावा सेवा क्षेत्र में रोजगार लगातार 26वें महीने बढ़ा है।
नौकरियों पर आएगी आफत
विनिर्माण में सुस्ती से कम्पोजिट सूचकांक 49.6 रह गया, जो दो साल से ज्यादा समय का निचला स्तर है। इससे एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था में कमजोरी जारी रहने के संकेत मिले हैं। आईएचएस मार्किट की प्रमुख अर्थशास्त्री पॉलियाना डि लीमा ने कहा, 'भारत के सेवा क्षेत्र में सुस्ती खासी चिंताजनक है, क्योंकि कारोबारी गतिविधियों में लगातार सुस्ती बनी हुई है।' उन्होंने कहा, 'इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि भविष्य में और गिरावट के अनुमान हैं, क्योंकि कारोबारी आत्म-विश्वास में कमी का असर आगे निवेश और नौकरियों पर भी दिखेगा।'
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