Senior Citizens : मिलते हैं ये खास टैक्स बेनेफिट, उठाएं फायदा
नई दिल्ली, जून 28। भारतीय आयकर अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों को कुछ टैक्स बेनेफिट देता है। साथ ही नियम यह सुनिश्चित करने का भी प्रयास करते हैं कि आयकर ई-फाइलिंग परेशानी मुक्त प्रोसेस रहे। वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध कई टैक्स बेनेफिट की जानकारी हम आपको देंगे, उससे पहले बता दें कि वरिष्ठ नागरिक दो तरह के होते हैं। 60 वर्ष से अधिक आयु वाले सामान्य वरिष्ठ नागरिक और 80 वर्ष से अधिक आयु के लोग सुपर सीनियर सिटीजन होते हैं।
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इनकम पर छूट
वरिष्ठ नागरिक और सुपर वरिष्ठ नागरिकों को इनकम पर ही छूट मिलती है। सामान्य नागरिकों की 2.5 लाख रु तक की इनकम टैक्स फ्री रहती है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों की 3 लाख रु तक की इनकम टैक्स फ्री रहती है। वहीं सुपर वरिष्ठ नागरिकों की 5 लाख रु तक की इनकम टैक्स फ्री रहती है। सबसे कम टैक्स स्लैब (5 फीसदी) में सामान्य नागरिकों की 2.5 से 5 लाख रु तक की इनकम आती है, जबकि वरिष्ठ नागरिकों की 3 से 5 लाख रु तक की इनकम आती है। वहीं सुपर वरिष्ठ नागरिक इस लिस्ट से बाहर हैं।
ब्याज इनकम पर 50 हजार रु तक की छूट
वित्तीय वर्ष 2018-19 से, नई धारा 80 टीटीबी पेश की गई है जो 50,000 रुपये के ब्याज पर कटौती की सुविधा देती है। 50,000 रुपये से अधिक की कमाई वरिष्ठ नागरिकों की स्लैब दरों के अनुसार टैक्सेबल होगी। उदाहरण के लिए यदि कोई वरिष्ठ नागरिक 75,000 रुपये की ब्याज आय अर्जित करता है, तो इसमें से 50,000 रुपये की कटौती धारा 80 टीटीबी के तहत की जाएगी और शेष 25,000 रुपये स्लैब रेट के अनुसार टैक्सेबल होगी। यह ध्यान रहे कि ऐसे मामलों में बचत खाते पर ब्याज के लिए 10,000 रुपये की धारा 80 टीटीए के तहत कोई कटौती की अनुमति नहीं होगी।
चिकित्सा बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए धारा 80डी के तहत कटौती
नॉन-वरिष्ठ नागरिकों के लिए चिकित्सा बीमा प्रीमियम के भुगतान के लिए धारा 80डी के तहत छूट की अनुमति 25,000 रुपये है। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह कटौती बढ़कर 50,000 रुपये हो गई है। बजट 2018 में 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये और 1 अप्रैल 2018 से इसे लागू किया गया। इसके अलावा, सुपर वरिष्ठ नागरिकों अर्थात 80 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के मामले में, धारा 80डी के तहत मिलने वाली कटौती चिकित्सा बीमा प्रीमियम के भुगतान के साथ साथ इलाज पर किए गए खर्च पर भी मिलती है।
निर्दिष्ट बीमारी के लिए धारा 80 डीडीबी के तहत कटौती
धारा 80 डीडीबी निर्दिष्ट बीमारियों के उपचार पर खर्च के मामले में एक एसेसी (करदाता) को टैक्स कटौती ऑफर करती है। पहले इस धारा के तहत स्वीकृत कटौती वरिष्ठ नागरिकों के लिए 60,000 रु और सुपर सीनियर नागरिकों के लिए 80,000 रु थी, मगर अब इसे बढ़ाकर इन दोनों ही कैटेगरियों के लिए एक लाख रुपये कर दिया गया है। ये लिमिट वित्तीय वर्ष 2018-19 से बढ़ायी गयी है।
रिवर्स मॉर्टगेज योजना
रिवर्स मॉर्गेज होम लोन के विपरीत है। होम लोन में, आप बैंक को ईएमआई का भुगतान करते हैं और बाद में आप घर के मालिक होते हैं। रिवर्स मॉर्टगेज योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों को उनके घर को गिरवी रखकर आजीवन नियमित भुगतान किया जाता है जबकि स्वामित्व वरिष्ठ नागरिक के पास रहता है और घर पर कब्जा भी रहता है। रिवर्स मॉर्गेज योजना के अनुसार, उधारकर्ता की मृत्यु पर, घर की बिक्री के माध्यम से संचित ब्याज के साथ लोन चुकाया जाता है और बिक्री पर प्राप्त बैलेंस राशि कानूनी उत्तराधिकारियों को दी जाती है। वरिष्ठ नागरिक को किश्तों के रूप में इस प्रकार भुगतान की गई राशि को आयकर से पूरी तरह छूट प्राप्त होती है।